सर्दी के मौसम में लोग पीने का पानी कम कर देते हैं। लोग आजकल उतना पानी नहीं पी पाते हैं, जितना उनके शरीर को चाहिए। इसका सबसे अहम कारण है कि ठंड के मौसम में ज्यादा प्यास नहीं लगती है। हर किसी को दिन में कम से कम 8-9 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए। क्‍योंकि भरपूर पानी न पीने से आपको कई गंभीर समस्‍याएं हो सकती हैं। यदि आप सर्दियों में पानी नहीं पीते हैं तो क्या-क्या समस्याएं हो सकती हैं।

डिहाइड्रेशन - शरीर में पानी की कमी से डिहाइड्रेशन हो सकता है। निर्जलीकरण इलेक्ट्रोलाइट्स के स्तर को भी कम करता है, जो मस्तिष्क को भी प्रभावित करता है।

मांसपेशियों में ऐंठन- इलेक्ट्रोलाइट एक प्रकार का खनिज है जो कोशिकाओं को संकेत भेजता है। इसकी कमी से कोशिकाओं का संकेत नहीं मिलता है, जिससे मांसपेशियों में ऐंठन, कमजोर याददाश्त, दौरे जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

रूखी त्वचा - सर्दियों में न केवल शुष्क हवा बल्कि कम मात्रा में पानी पीने से भी त्वचा रूखी हो जाती है। उम्र से पहले ही खुरदरी त्वचा से झुर्रियां, झाइयां गिरने लगती हैं।

गुर्दे पर प्रभाव- शरीर में पानी की कमी होने पर रक्त वाहिकाएं हाइपोथैलेमस को संकेत भेजती हैं और वैसोप्रेसिन/एंटी डायरेक्ट हार्मोन छोड़ती हैं। हार्मोन तब इंगित करता है कि गुर्दे को रक्त से कम पानी पिलाया जाता है। यह किडनी को फिल्टर को ठीक से करने से रोकता है, जिससे पेशाब कम, गाढ़ा और गहरा हो जाता है।

लो ब्लड प्रेशर - पानी की कमी से हाइपोटेंशन या लो प्रेशर की समस्या हो सकती है।

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