महाबली हनुमान जी ऐसे भगवान माने जाते हैं जो अपने भक्तों के सभी दु:ख और दर्द दूर करते हैं। जो भक्त हनुमान जी की सच्चे मन से पूजा अर्चना करता है, उसको सभी प्रकार के भय और डर से मुक्ति मिलती है। हनुमान जी कलयुग में भी पृथ्वी पर विराजमान हैं। हनुमान जी की पूजा आराधना करने से मनुष्य का आत्मविश्वास बढ़ता है। वर्तमान समय में बहुत से लोग ऐसे हैं जो हनुमान जी की भक्ति करते हैं। सभी लोग ज्यादातर हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। हनुमान चालीसा तो फायदेमंद होता ही है, इसके साथ ही अगर आप बजरंग बाण का पाठ करते हैं तो इससे आपको बजरंगबली की असीम कृपा प्राप्त होती है। बजरंग बाण पाठ करने से कई प्रकार की समस्याओं से छुटकारा मिलता है। बजरंग बाण का पाठ करना अचूक लाभ दिलाता है।

आज हम आपको बजरंग बाण का पाठ किस प्रकार करना चाहिए और इसके नियम क्या-क्या है? इसके बारे में जानकारी देने जा रहें हैं। आपको इन सभी बातों का पता होना बहुत ही जरूरी है। तभी आपको बजरंग बाण पाठ का लाभ मिल पाएगा। तो चलिए जानते हैं बजरंग बाण पाठ जाप विधि और नियम के बारे में।


बजरंग बाण पाठ विधि

बजरंग बाण को महाबली हनुमान जी की आराधना कर उनका आशीर्वाद पाने का सबसे अचूक उपाय माना गया है। जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं, हनुमान जी प्रभु श्री राम जी के परम भक्त माने जाते हैं। बजरंग बाण में मुख्य रूप से भगवान राम की भी सौगंध दी गई है। ऐसा माना जाता है कि जब भी आप श्रीराम जी की सौगंध लेंगे तो हनुमान जी आपकी सहायता के लिए जरूर आते हैं। निम्नलिखित आपको कुछ पंक्तियां दी गई है। इन पंक्तियों को अवश्य पढ़ना चाहिए।

भूत प्रेत पिशाच निसाचर।अगिन बेताल काल मारी मर
इन्हें मारु,तोहिं सपथ राम की।राखु नाथ मर्याद नाम की।
जनक सुता हरि दास कहावौ।ताकी सपथ विलम्ब न लावौ।
उठु उठु चलु तोहिं राम दोहाई।पाँय परौं कर जोरि मनाई।।

अगर आप बजरंग बाण का पाठ शुरू कर रहे हैं तो मंगलवार का दिन बहुत ही उचित माना जाता है। आप मंगलवार के दिन सूर्य उदय से पहले उठकर स्नान करके साफ-सुथरे कपड़े पहन लीजिए।
आप अपने घर के पूजा के स्थान पर बजरंगबली जी की मूर्ति स्थापित कीजिए।
आपको बता दें कि बजरंग बाण का आरंभ करने से पहले आपको भगवान गणेश जी की आराधना करनी होगी। भगवान गणेश जी सभी देवताओं में प्रथम पूजनीय माने गए हैं। इनकी पहले पूजा करके ही आप बजरंग बाण का आरंभ करें।
इसके पश्चात आपको प्रभु श्री राम जी और माता सीता का ध्यान करना होगा। उसके बाद आप हनुमान जी को प्रणाम करके बजरंग बाण पाठ का संकल्प लीजिए।
पूजा के दौरान आप हनुमान जी को फूल चढ़ाएं और उनके समक्ष धूप, दीप जलाएं।
आप कुश के आसन पर बैठकर बजरंग बाण का पाठ शुरू कीजिए।
बजरंग बाण का पाठ पूरा होने के बाद आप भगवान राम जी का स्मरण और कीर्तन कीजिए।
बजरंगबली जी को चूरमा, लड्डू और अन्य मौसमी फल आदि प्रसाद के रूप में चढ़ाएं।

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