Utility News - कोविड के बीच भारत में बढ़ी अमीरों की संख्या, पढ़ें अमीरों पर सर्वे की ये खास बातें
धन से सुख नहीं खरीदा जा सकता। हाल ही में भारत में हुए एक सर्वे के नतीजों ने भी इस बात पर अपनी मुहर लगा दी है. भारत में कोविड के दौरान अमीर लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है। ऐसे करोड़पतियों की संख्या में गिरावट आई है जो खुद को खुश मानते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, अर्थव्यवस्था में तेज रिकवरी के साथ-साथ कोविड के दौरान खर्च पर सतर्क रुख के बीच निवेश मूल्य में वृद्धि से करोड़पतियों को फायदा हुआ है। इस सर्वे में उन करोड़पतियों को शामिल किया गया है जिनकी संपत्ति एक मिलियन डॉलर को पार कर गई है।
खबरों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि,कोविड-19 महामारी से प्रभावित वर्ष 2021 में भारत में 'डॉलर करोड़पति' यानी सात करोड़ रुपये से अधिक की निजी संपत्ति वाले व्यक्तियों की संख्या 11 प्रतिशत बढ़कर 4.58 लाख हो गई। मुंबई में सबसे ज्यादा 20,300 'डॉलर करोड़पति' हैं। जिसके बाद दिल्ली में 17,400 और कोलकाता में 10,500 'डॉलर करोड़पति' परिवार हैं। सर्वेक्षण में शामिल दो-तिहाई डॉलर करोड़पतियों ने कहा कि वे अपने बच्चों को शिक्षा के लिए विदेश भेजना पसंद करेंगे, क्योंकि अमेरिका उनकी पहली पसंद है।
एक चौथाई 'डॉलर करोड़पति' के पास अपनी पसंदीदा कार मर्सिडीज-बेंज है और वे हर तीन साल में अपनी कार बदलते हैं। इंडियन होटल्स का होटल ताज सबसे पसंदीदा हॉस्पिटैलिटी ब्रांड के रूप में उभरा, जबकि तनिष्क पसंदीदा ज्वैलरी ब्रांड है।
350 अमीर लोगों के इंटरव्यू के आधार पर किए गए इस सर्वे में पाया गया कि निजी और पेशेवर जिंदगी में खुद को खुश रखने वालों की संख्या एक साल पहले के 72 फीसदी से घटकर 2021 में 66 फीसदी रह गई. लोग पहले से ज्यादा दबाव में हैं। ये निष्कर्ष ऐसे समय आए हैं जब भारत में अमीर और गरीब के बीच बढ़ती असमानता को लेकर चिंता बढ़ रही है।
हाल ही में ऑक्सफैम की एक रिपोर्ट ने भी इस असमानता पर चिंता व्यक्त की थी। बहुत अमीरों पर उच्च करों की बढ़ती मांग के बीच, सर्वेक्षण में शामिल एक तिहाई से भी कम लोगों का मानना है कि अधिक करों का भुगतान करना सामाजिक जिम्मेदारी का निर्धारक है। हुरुन इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य शोधकर्ता अनस रहमान जुनैद ने कहा कि अगला दशक लक्जरी ब्रांडों और सेवा प्रदाताओं के लिए भारत में प्रवेश करने का एक शानदार अवसर है।