Sukanya Samriddhi Yojana- क्या आप सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश, तो इन खास बातों का रखें ध्यान, वरना हो सकता हं नुकसान
By Jitendra Jangid- भारत में बेटी को देवी के समान माना गया हैं, जब किसी के घर में बेटी जन्म लेती हैं तो तो बड़ी खुशियां मनाई जाती हैं। भारत में बेटियों के सशक्तिकरण और उत्थान करने के लिए भारत सरकार ने विभिन्न योजनाएं शुरु की हैं, जिनमें सुकन्या समृद्धि योजना भी एक हैं, यह योजना न केवल आपकी बेटी के लिए वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने में मदद करती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि आप उसकी शिक्षा और शादी के खर्चों को आराम से पूरा कर सकें। 7.6% की प्रतिस्पर्धी वार्षिक ब्याज दर के साथ, सुकन्या समृद्धि योजना डाकघरों और बैंकों दोनों में खोली जा सकती है। आइए जानते हैं इसके बारें में पूरी डिटेल्स
ब्याज दर: यह योजना 7.6% की आकर्षक ब्याज दर प्रदान करती है, जो समय के साथ आपके निवेश को बढ़ाने में मदद करती है।
कर लाभ: ₹1.5 लाख तक के निवेश पर आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कर कटौती का लाभ मिलता है।
निवेश विकल्प: आप निर्दिष्ट डाकघरों या बैंकों में खाता खोल सकते हैं, जिससे आपको अपने निवेश को प्रबंधित करने के मामले में लचीलापन मिलता है।
योजना में हाल ही में हुए बदलाव:
खाता बंद करना: खाते केवल बेटी की मृत्यु या निवास स्थान बदलने पर ही बंद किए जा सकते थे। अब, खाताधारक की घातक बीमारी या अभिभावक की मृत्यु होने पर भी खाते बंद किए जा सकते हैं।
तीसरी बेटी के लिए कर छूट: जबकि कर छूट दो बेटियों तक सीमित थी, अब यह योजना तीसरी बेटी के नाम पर किए गए निवेश पर कर लाभ की अनुमति देती है।
जुड़वाँ बेटियों के लिए खाता खोलना: जुड़वाँ बेटियों के माता-पिता अब दोनों के लिए खाते खोल सकते हैं, जिससे उनके बच्चों की वित्तीय सुरक्षा को और बढ़ावा मिलेगा।
खाता प्रबंधन आयु: बेटियाँ 10 वर्ष की आयु में अपने खाते संचालित कर सकती थीं। अब, वे 18 वर्ष की आयु होने पर ही अपने खातों का प्रबंधन कर सकती हैं, जिससे उन्हें युवा वयस्कों के रूप में अपनी बचत पर अधिक नियंत्रण मिलेगा।