ईंधन की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और आम आदमी महंगाई की मार झेल रहा है। बिजली की खपत बढ़ने के साथ दाम भी बढ़ रहे हैं। ऐसे में आप अपनी छत पर सोलर पैनल लगा सकते हैं और मुफ्त बिजली प्राप्त कर सकते हैं। सरकार सोलर पैनल लगाने में भी मदद कर रही है।

गौरतलब है कि सोलर रूफटॉप सब्सिडी योजना भारत सरकार द्वारा देश में सोलर रूफटॉप्स को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही है। सोलर रूफटॉप योजना के साथ केंद्र सरकार देश में अक्षय ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित करती है। इसके लिए केंद्र सरकार उपभोक्ताओं को सोलर रूफटॉप इंस्टॉलेशन पर सब्सिडी देती है।

अपने घर की छत पर सोलर रूफटॉप लगाकर आप बिजली की लागत को 30 से 50 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं। सोलर रूफटॉप से ​​25 साल तक बिजली मिलेगी और इस सोलर रूफटॉप सब्सिडी योजना में 5-6 साल में खर्च का भुगतान किया जाएगा। इसके बाद आपको अगले 19-20 साल तक सोलर से मुफ्त बिजली का लाभ मिलेगा।

सोलर पैनल लगाने के लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती है। एक किलोवाट सौर ऊर्जा के लिए 10 वर्ग मीटर जगह की आवश्यकता होती है। केंद्र सरकार द्वारा 3 केवी तक के सोलर रूफटॉप प्लांट पर 40 प्रतिशत और तीन केवी के बाद 10 केवी तक 20 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है। सोलर रूफटॉप सब्सिडी योजना के लिए आप बिजली वितरण कंपनी के नजदीकी कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए mnre.gov.in पर विजिट कर सकते हैं।

प्रदूषण कम करने के अलावा सोलर पैनल पैसे बचाने में भी मदद करते हैं। ग्रुप हाउसिंग में सोलर पैनल लगवाकर बिजली की लागत को 30 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। सोलर रूफटॉप सब्सिडी योजना के तहत केंद्र सरकार 500 kV तक के सोलर रूफटॉप प्लांट लगाने पर 20 प्रतिशत की सब्सिडी दे रही है।

इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें:

- ऑफिशियल वेबसाइट Solarrooftop.gov.in पर जाएं।
- अब होम पेज पर 'अप्लाई फॉर सोलर रूफिंग' पर क्लिक करें।
- अगले पेज पर अपना राज्य चुनें।
- अब आपको अपनी स्क्रीन पर सोलर रूफ एप्लीकेशन दिखाई देगी।
- सभी विवरण भरें और सबमिट पर क्लिक करें।

सोलर रूफटॉप सब्सिडी योजना के लिए आप टोल फ्री नंबर-1800-180-3333 पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा सोलर रूफ टॉप इंस्टालेशन के लिए पैनल में शामिल प्रमाणन एजेंसियों की राज्यवार सूची आधिकारिक वेबसाइट पर भी देखी जा सकती है। उल्लेखनीय है कि सोलर रूफटॉप सब्सिडी योजना भारत सरकार के अक्षय एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही है।

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