व्यवस्थित निवेश योजनाओं (SIP) में पैसा निवेश करने में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जो सात वर्षों की अवधि में पांच गुना से अधिक बढ़ गई है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFII) के आंकड़ों के मुताबिक, मासिक एसआईपी योगदान, जो सात साल पहले 3 हजार करोड़ रुपये था, अब बढ़कर 16 हजार करोड़ रुपये प्रति माह हो गया है, अगर आप भी इन लोगो में से एक हैं तो आपको कुछ महत्वपूर्ण बातें ध्यान होनी चाहिए-

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वित्तीय लक्ष्य परिभाषित करें:

SIP शुरू करने से पहले, स्पष्ट वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करना महत्वपूर्ण है। निर्धारित करें कि क्या आप दीर्घकालिक धन संचय का लक्ष्य रख रहे हैं या अल्पकालिक उद्देश्य रखते हैं।

जोखिम सहनशीलता का आकलन करें:

अपनी जोखिम सहनशीलता का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करें। एसआईपी में अधिक रिटर्न अक्सर बढ़े हुए जोखिम के साथ आता है। अपनी निवेश रणनीति को अपनी वित्तीय सुविधा के साथ संरेखित करने के लिए अपनी जोखिम उठाने की क्षमता को समझना आवश्यक है।

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अपने एसआईपी पोर्टफोलियो में विविधता लाएं:

म्यूचुअल फंड की विभिन्न श्रेणियों में निवेश करके अपने एसआईपी पोर्टफोलियो में विविधता सुनिश्चित करें। जोखिम फैलाने और रिटर्न को अनुकूलित करने के लिए ग्रोथ, बैलेंस और डेट फंड में एसआईपी शामिल करें।

म्यूचुअल फंड और फंड हाउस पर गहन शोध:

चुनी गई म्यूचुअल फंड योजना और संबंधित फंड हाउस पर व्यापक शोध करें। फंड मैनेजर की क्षमता और पिछले प्रदर्शन का आकलन करने के लिए उनके ट्रैक रिकॉर्ड से खुद को परिचित करें।

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व्यय अनुपात की जाँच करें:

म्यूचुअल फंड योजना के व्यय अनुपात और फंड हाउस के समग्र व्यय अनुपात की जांच करें। उच्च व्यय अनुपात आपके रिटर्न को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है, इसलिए अत्यधिक लागत वाले फंड से बचने की सलाह दी जाती है।

प्रवेश और निकास भार को समझें:

एसआईपी करने से पहले, चुने गए म्यूचुअल फंड से जुड़े प्रवेश और निकास भार से अवगत रहें। यदि आप एक निर्दिष्ट अवधि से पहले निकासी करते हैं तो कुछ फंड शुल्क लगाते हैं, इसलिए इसे अपनी निवेश रणनीति में शामिल करें।

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