हिंदू धर्मशास्त्रों तथा पुराणों में भगवान शिव को देवाधिदेव महादेव, भोलेनाथ आदि कई नामों जाना जाता है। मान्यता है कि भोलेनाथ अपने भक्तों की पुकार बहुत जल्द ही सुन लेते हैं। भगवान शिव की कृपा से उनके भक्तों को जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

दोस्तों, इस स्टोरी में आज हम आपको ऐसे मंत्र के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी महिमा का उल्लेख शिव पुराण में भी किया गया है। जी हां, मैं महामृत्युंजय मंत्र की ही बात कर रहा हूं। कहा जाता है कि जो भक्त महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हुए भगवान भोलेनाथ का स्मरण करता है, स्वयं काल भी उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता है।

शिवपुराण के मुताबिक, महामृत्युंजय मंत्र के जाप से भक्त कठिन से कठिन संकटों से भी छुटकारा पा जाता है। पुराणिक ग्रंथों में ऐसे अनेकों उदाहरण मिलते हैं, जिसमें इस मंत्र के जाप से भक्तों ने काल को भी पराजित कर दिया। कहा जाता है कि इस मंत्र के जाप से भक्त को जीवनचक्र से मुक्ति मिल जाती है। वह अनंत की यात्रा की ओर प्रस्थान कर दिव्य ज्योति में समाहित हो जाता है।

महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

गौरतलब है कि शिव भक्त सबसे श्रेष्ठ और सरल मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप करके भी पुण्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं। एक मात्र इस मंत्र का जाप करने से भी जातक में निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। वह कठिन से कठिन परिस्थितियों का सामने करने में सक्षम बनता है।

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