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हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को शनि जयंती का त्योहार मनाया जाता है। इस साल शनि जयंती 6 जून को है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनिदेव का जन्म हुआ था। ऐसा माना जाता है कि इस दिन विधि-विधान से शनिदेव की पूजा करने से व्यक्ति को शनि दोष से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा, भक्त उन्हें प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए उनकी पसंदीदा चीजें प्रसाद के रूप में चढ़ाते हैं। अगर आप भी शनिदेव की कृपा पाना चाहते हैं तो आपको शनि जयंती पूजा के दौरान इन विशेष मंत्रों का जाप करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि शनि जयंती पर इन शनि मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति के जीवन की सभी समस्याएं दूर हो सकती हैं और शनि दोष से राहत मिलती है।

कर्मफलदाता शनिदेव के मंत्र
जीवन में सफलता के लिए मंत्र

अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया।
दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।


गतं पापं गतं दु:खं गतं दारिद्रय मेव च।
आगता: सुख-संपत्ति पुण्योऽहं तव दर्शनात्।।


शनिदेव महाराज का वैदिक मंत्र

ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम ।
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात ।


ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः।
ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।

शनि गायत्री मंत्र

ओम भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्

शनि आह्वान मंत्र

नीलाम्बरः शूलधरः किरीटी गृध्रस्थित स्त्रस्करो धनुष्टमान् |
चतुर्भुजः सूर्य सुतः प्रशान्तः सदास्तु मह्यां वरदोल्पगामी ||

शनि देव का महामंत्र

ओम निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥

शनि आरोग्य मंत्र

ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।
कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।
शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।
दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।।

शनि का पौराणिक मंत्र

ऊँ श्रां श्रीं श्रूं शनैश्चाराय नमः।
ऊँ हलृशं शनिदेवाय नमः।
ऊँ एं हलृ श्रीं शनैश्चाराय नमः।
ऊँ मंदाय नमः।।
ऊँ सूर्य पुत्राय नमः।।

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