सावन का महीना अब शुरू होने वाला है। सावन आने से पहले मिठाई की दुकानों पर घेवर और फेनी सजने लगते हैं। इनकी काफी डिमांड रहती है। तीज और रक्षाबंधन पर तो घेवर और फेनी सबसे अधिक बिकते हैं और लोगों को ये बेहद पसंद भी है। ऐसे में हम आपको बताएंगे कि सावन के इस महीने में घेवर और फेनी क्यो खाए जाते हैं।

घेवर और फेनी की डिमांड राजस्थान और ब्रज क्षेत्र में होती है। इसका कारण है कि सावन का महीना वर्षा ​ऋतु का माह भी होता है। इस महीने में नमी होने के ​चलते मिठाइयों में चिपचिपाहट हो जाती है लेकिन घेवर और फेनी बारिश में खराब नहीं होते हैं।

एक समय था जब घेवर मैदे में पानी डालकर घोल तैयार करके बनाया जाता था, अब आपको अलग अलग तरह के घेवर मिल जाएंगे। आज घेवर के लिए घोल में पानी की जगह दूध मिलाया जाता है। इसके अलावा केसरिया घेवर देसी घी और चीनी से मिलाकर तैयार किया जाता है। आपको बाजार में मावा या मलाई घेवर भी मिल जाएगा।

आज भी राजस्थान में और इसके ग्रामीण क्षेत्रों में शादी के बाद पहले रक्षाबंधन पर बहन के घर फेनी, घेवर भेजने का रिवाज है। यही वजह है कि रक्षाबंधन के दिन सुबह से ही मिठाई की दुकानों पर घेवर और फेनी खरीदने वालों की भीड़ लगी रहती है।

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