दोस्तों, आपको बता दें कि दान करने की परंपरा हजारों वर्षों से चली आ रही है। राजा बलि, राजा हरिश्चंद्र और महाबलि कर्ण का नाम महादानियों में शुमार किया जाता है। कहने का तात्पर्य यह है कि दान-पुण्य करने से जातक पर भगवान की विशेष कृपा होती है। ​हिंदू धर्मशास्त्रों में हर दिन अलग-अलग वस्तुएं दान करने के बारे में बताया गया है।

बता दें कि शनिवार का दिन शनिदेव का माना जाता है। इसलिए शनिवार को ऐसी ही वस्तुएं दान करनी चाहिए जिससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं। ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक, शनिदेव का वर्ण बिल्कुल काला है, इसलिए उन्हें काली वस्तुएं अत्यधिक प्रिय हैं। इस प्रकार शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन काला तिल, उड़द की दाल, सरसों का तेल आदि दान करना चाहिए।

इस स्टोरी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि शनिवार को भूलकर भी यह चीजें नहीं चढ़ानी चाहिए, अन्यथा शनिदेव प्रसन्न होने की जगह नाराज हो सकते हैं।

- शनिदेव की पूजा करते समय पीली वस्तुएं नहीं अर्पित करें, क्योंकि पीली चीजों का बृहस्पति ग्रह से संबंध होता है। ज्योतिष के मुताबिक, शनि और बृहस्पति में शत्रु भाव रखते हैं।

- सफेद चीजें शनिदेव को बिल्कुल भी पसंद नहीं हैं। चंद्रमा और शनि में शत्रुता है। ऐसे में शनिदेव की पूजा में ना ही सफेद चीजें चढ़ानी चाहिए और ना ही सफेद चीजों का दान करना चाहिए। ऐसा करने पर शनिदेव क्रोधित हो जाते हैं।

- चूंकि लाल रंग का संबंध सूर्यदेव से है। मान्यता है कि शनिदेव अपने पिता सूर्यदेव से नाराज रहते हैं। ऐसे में शनिदेव की पूजा में लाल पुष्प कभी नहीं अर्पित करना चाहिए।

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