भारत के पहले ई-रुपये लॉन्च का रास्ता साफ हो गया है। ई-रुपया डिजिटल करेंसी की तरह काम करेगा। इसकी खास बात यह होगी कि इसके इस्तेमाल के लिए बिजली या इंटरनेट की जरूरत नहीं होगी। शुरुआत में इसे सीमित मात्रा में इस्तेमाल किया जा सकता है, जिसके बाद इसकी सीमाएं बढ़ाई जाएंगी। आरबीआई ने शुक्रवार को ई-रुपये का कॉन्सेप्ट नोट जारी किया जिसमें काफी जानकारी दी गई है। ई-रुपये की अवधारणा इन दिनों बैंकिंग धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं के कारण पेश की गई है, जो लेनदेन के लिए पूरी तरह से सुरक्षित होगी।

सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वे भारत में बिटकॉइन जैसी किसी भी क्रिप्टोकरेंसी को संचालित नहीं होने देंगे। यह भी कहा गया कि बदलते परिवेश में आभासी मुद्रा भी एक वास्तविकता है और इसे ध्यान में रखते हुए भारत अपनी डिजिटल मुद्रा की घोषणा करेगा, जिसका नाम ई-रुपया है। इस ई-रुपये से हम वो सारे काम कर पाएंगे, जो जेब में रखे नोटों से नहीं हो सकते। जबकि ई-रुपया जेब में रखे नोटों से तेज और सुरक्षित होगा।

नोट जेब या बटुए में रखा जाता है, लेकिन ई-रुपया ई-वॉलेट में रखा जाएगा, जैसे कि गूगल पे, पेटीएम आदि... जब हम किसी को भुगतान करते हैं तो हम नोट देते हैं या उसके खाते में पैसे ट्रांसफर करते हैं। ई-रुपया किसी को सौंपने की जरूरत नहीं है, लेकिन पैसा उस व्यक्ति के खाते में डिजिटल रूप से स्थानांतरित कर दिया जाएगा। जिस तरह नोट लेनदेन के लिए बिजली या इंटरनेट की आवश्यकता नहीं होती है, उसी तरह ई-रुपये के लिए भी इंटरनेट या बिजली की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, पेटीएम, गूगल पे जैसे ई-वॉलेट के लिए बिजली या इंटरनेट की जरूरत होती है।

ई-रुपये के लिए किसी बैंक खाते की आवश्यकता नहीं है। बैंक खाता होने पर UPI वॉलेट या कार्ड के माध्यम से भुगतान किया जाता है, लेकिन ई-रुपये में किसी बैंक खाते की आवश्यकता नहीं होती है। जो कोई भी भुगतान करना चाहता है, उसके लिए एक विशेष प्रकार का ई-वाउचर जारी किया जाएगा। वह व्यक्ति ई-वाउचर को भुना सकेगा।

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