Rochak News: हाथ और पैर पर जब उगने लगे पेड़. काट काटकर डॉक्टर भी हो गये परेशान
दोस्तों हर व्यक्ति चाहता है कि उसे कोई बिमारी न हो. उसका शरीर स्वस्थ रहे. इसलिए हर व्यक्ति सबसे पहले अपनी सेहत का ध्यान रखता है. छोटी मोटी बीमारियों से अक्सर हम सभी लड़ते रहते है लेकिन कभी कभार हमे इस तरह की बीमारियों का सामना भी करना पड़ जाता है जिनके बारे में हमने कभी सुना भी नही होगा. अब एक व्यक्ति को ऐसी बीमारी ने अपना शिकार बना लिया जिसके बारे में उसे कोई जानकारी नही थी. अब बीमारी कोई हमसे पूछकर तो आएगी नही वह तो कभी भी किसी को भी लग जाती है. बंगलादेश के एक व्यक्ति जिसका नाम बाजन्दर है उसे एक अजीबो गरीब बीमारी ने जकड़ लिया. इसमें उसके शरीर से अपने आप पेड़ उगने शुरू हो गया.
ये देखने में बिलकुल पेड़ के तनो और छाल जैसी नजर आ रही थी. उसे खुद भी पता नही चल रहा था कि आखिर ये हो क्या रहा है. 26 साल की उम्र में बाजन्दर को इस बीमारी ने अपना शिकार बना लिया. बाजन्दर रात को जब सोया तो बिलकुल ठीक था लेकिन जैसे ही वह सुबह उठा उसने अपने शरीर पर पेड़ की जड़े देखी.ये देखकर वह डर गया और जल्दी से जाकर उसने ड०ट को दिखाया. डॉक्टर ने उसे अस्पताल में भर्ती किया जहाँ पर 25 बार उसकी सर्जरी की गयी लेकिन बीमारी जाने का नाम ही नही ले रही थी. डॉक्टर भी उसकी बीमारी को दूर करने में नाकामयाब रहे.
डॉक्टरो को इस तरह से हार मनाता देख बाजन्दर भी टूट गया था उसने भी हार मान ली फैसला कर लिया कि वह अपने हाथ कटवा देगा ताकि उसे सुकून की नींद आ सके. जब उसने डॉक्टर को ये बात कही तो डॉक्टर ने उसके हाथ काटने से मना कर दिया उन्होंने कहा कि हम सिर्फ वही करेंगे जो आपके लिए सही होगा. जिससे आपकी जान को किसी भी तरह का खतरा हो उस काम को हम नही करेंगे. दुनिया में इस तरह की अजीबोगरीब बीमारी केवल 10 लोगो को ही होती है. जिसमे से एक बाजन्दर भी है. बाजन्दर को समझ नही आ रहा था कि उसको ये कौन सी बीमारी हो गयी है. वह इससे बहुत ज्यादा परेशान रहने लगा.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बग्लादेश की प्रधानमंत्री को जब बाजन्दर की बीमारी के बारे में पता चला तो वे खुद उससे मिलने अस्पताल पहुंची और उन्होंने उसके इलाज का पूरा खर्च उठाने का वादा किया. लेकिन इसका भी कोई फायदा नही हुआ. बाजन्दर को ठीक करने में कोई भी डॉक्टर सफल नही हुआ. हर किसी ने थककर आखिर में हार मान ली. खुद को इस हालत में देखकर बाजन्दर अंदर से टूटता ही जा रहा है. जब व्यक्ति को कोई बीमारी हो जाती है और फिर लाख कोशिशो के बाद भी वह ठीक नही हो पाती तो व्यक्ति लास्ट में हार मान लेता है. इसके बाद उसके दिमाग में नेगेटिव विचार आना शुरू हो जाते है ऐसा ही कुछ बाजन्दर के साथ भी हो रहा था.
बाजन्दर की समस्या दिन प्रतिदिन बढती ही जा रही थी वह जितना अपने शरीर से पेड़ो को काटने की कोशिश करता है ये उतना ही ज्यादा बढ़ते जाते.