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कानून के तहत महिलाओं से लेकर बुजुर्गों तक, संपत्ति से संबंधित व्यक्तियों को विभिन्न अधिकार प्रदान किए गए हैं। इसी तरह मां की संपत्ति से भी जुड़े अधिकार हैं। क्या आप जानते हैं कि मां की संपत्ति पर किसका दावा है?

पिता की ही तरह मां की कमाई गई या अर्जित की गई संपत्ति का भी वारिस होता है। हालाँकि, संपत्ति किसके नाम करनी है, ये अधिकार पूरी तरह से माँ का है। जीवित रहते हुए न तो बेटा और न ही बेटी अपनी मां की संपत्ति पर अधिकार का दावा कर सकती है। अगर मां चाहे तो अपनी संपत्ति वसीयत के जरिए किसी को भी ट्रांसफर कर सकती है।

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यदि किसी मां की मृत्यु बिना वसीयत लिखे के हो जाती है, तो उसके बेटे या बेटी को संपत्ति विरासत में मिल सकती है। ऐसे मामलों में उन्हें प्राथमिक कानूनी उत्तराधिकारी माना जाता है। एक विवाहित बेटी का भी अपनी माँ की संपत्ति पर बेटे के समान ही अधिकार होता है। वह अपने हिस्से का दावा कर सकती है।

संपत्ति रखने वाली अविवाहित महिला अगर बिना वसीयत के मर जाती है तो उसका अधिकार उसके पिता को मिलता है। पिता की अनुपस्थिति में भाई-बहन दावेदार बन सकते हैं।

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