भारत में प्रचीन काल से ही महिलाओं को देवी के रूप में पूजा जाता हैं और देश की महिलाओं सशक्त बनाने के ले लिए सविधान में भी कई नियम बनाए गए हैं और अधिकार दिए गए हैं। आज की दुनिया में, वैश्वीकरण और सूचना क्रांति के आगमन ने समाज के विभिन्न क्षेत्रों को अभूतपूर्व गति से बदल दिया है। अब महिलाओं को पैतृक संपत्ति के संबंध में समान अधिकार प्राप्त हैं। विवाह के बाद पति के अपनी पत्नी की संपत्ति पर अधिकारों के बारे में अक्सर सवाल उठते हैं। क्या पति अपनी पत्नी की संपत्ति उसकी सहमति के बिना बेच सकता है, आइए जानते है इसकी पूरी डिटेल्स-

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स्वामित्व मायने रखता है: कोई भी व्यक्ति ऐसी संपत्ति नहीं बेच सकता जो उसके नाम पर न हो। इसलिए, पति अपनी पत्नी की संपत्ति उसकी स्पष्ट अनुमति के बिना नहीं बेच सकता।

सहमति आवश्यक: यदि संपत्ति पत्नी के नाम पर पंजीकृत है, तो पति को किसी भी बिक्री से पहले उसकी सहमति लेनी होगी।

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पति की संपत्ति: इसके विपरीत, पति द्वारा अपने नाम पर पंजीकृत कोई भी संपत्ति पूरी तरह से उसकी होती है, और उसकी पत्नी का उस पर कोई दावा नहीं होता।

पत्नी के नाम पर खरीदी गई संपत्ति: यदि पति अपने स्वयं के धन का उपयोग करके अपनी पत्नी के नाम पर संपत्ति खरीदता है, तो उस संपत्ति पर उसका पूरा अधिकार होता है, और वह उसकी स्वीकृति के बिना उसे बेच नहीं सकता।

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मृत्यु के बाद अधिकार: पति की मृत्यु की स्थिति में, स्व-अर्जित संपत्ति के अधिकार उसकी माँ और विधवा को मिल जाएँगे, लेकिन विशिष्ट अधिकार वसीयत सहित विभिन्न कारकों पर निर्भर करते हैं, यदि कोई वसीयत मौजूद है।

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