अगर हम बात करें भारतीय केंद्र सरकार की तो अपने देश के आर्थिक रूप से कमजोर लोगो की मदद के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाए चलाती हैं, जिनका उद्धेश्य इन लोगो की मदद करना और उत्थान करना हैं, ऐसी ही एक योजना हैं जो श्रमिको की मदद के लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मान धन योजना एक महत्वपूर्ण पहल है। 2019 में शुरू की गई यह योजना असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाई गई है, जो अक्सर अपने सेवानिवृत्ति के वर्षों में अनिश्चितता का सामना करते हैं, आइए जानते हैं इनके बारे में-

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प्रधानमंत्री श्रम योगी मान धन योजना के मुख्य बिंदु:

इस योजना का उद्देश्य असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मज़दूरों को 60 वर्ष की आयु होने पर ₹3000 प्रति माह की पेंशन प्रदान करना है। यह पहल उन व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से फ़ायदेमंद है, लेकिन सेवानिवृत्ति के लिए पर्याप्त बचत करने का अवसर नहीं मिला है।

पात्रता: 18 से 40 वर्ष की आयु के श्रमिक इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। उनके लिए 60 वर्ष की आयु तक योजना में योगदान करना अनिवार्य है।

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योगदान और मिलान: पेंशन का लाभ उठाने के लिए, श्रमिकों को मासिक योगदान करना होगा, जिसे सरकार द्वारा समान रूप से मिलान किया जाता है।

पात्र कर्मचारी: इस योजना में विभिन्न प्रकार के कर्मचारी शामिल हैं जैसे ड्राइवर, प्लंबर, दर्जी, रिक्शा चालक, रेहड़ी-पटरी वाले, मोची और धोबी आदि।

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आवेदन प्रक्रिया: कर्मचारी आधिकारिक वेबसाइट lab.gov.in/pm-sym के माध्यम से योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं या निकटतम कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जा सकते हैं। आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड और आपके बचत खाते से संबंधित विवरण शामिल हैं।

श्रम योगी कार्ड जारी करना: सफल पंजीकरण के बाद, श्रम योगी कार्ड जारी किया जाएगा, और प्रीमियम की किस्त स्वचालित रूप से कर्मचारी के खाते से ऑनलाइन आ जाएगी।

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