भारतीय केंद्र सरकार देश के आर्थिक रूप से कमजोर लोगो लिए कई प्रकार की योजनाएं चालू की हैं, जिनक उद्धेश्य इन लोगो का उत्थान करन हैं, ऐसी ही एक योजना हैं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम-किसान) जिसका उद्देश्य पूरे भारत में किसानों को प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता प्रदान करना है। जिसको 2019 में शुरु किया गया था, इस योजना माध्यम से पात्र किसानों को तीन किस्तो में 6000 रूपए सालाना मिलते हैं। लेकिन अगर हाल ही रिपोर्ट्स की माने तो देश के कुछ किसानों को इस बार किस्त नहीं मिलेगी, आइए जानते हैं इसकी वजह-

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने किसान सम्मान निधि योजना की 17वीं किस्त जारी की और अब किसान 18वीं किस्त का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, इसलिए उनके लिए यह सुनिश्चित करने के लिए विशिष्ट आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी करना महत्वपूर्ण है कि उन्हें ये लाभ मिलते रहें।

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किसानों के लिए अनिवार्य ई-केवाईसी

पीएम-किसान योजना के तहत आवश्यक आवश्यकताओं में से एक ई-केवाईसी (इलेक्ट्रॉनिक नो योर कस्टमर) को पूरा करना है। जो किसान इस प्रक्रिया को पूरा करने में विफल रहते हैं, वे अगली किस्त के लिए पात्र नहीं होंगे।

ई-KYC पूरा करने के लिए किसानों के पास दो विकल्प हैं:

ऑनलाइन ई-KYC: यह किसान ऐप के माध्यम से फेस ऑथेंटिकेशन, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर का उपयोग करके किया जा सकता है।

ऑफ़लाइन ई-KYC: किसान निकटतम कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जा सकते हैं और ई-KYC प्रक्रिया को पूरा करने के लिए ऑपरेटर को अपनी जानकारी प्रदान कर सकते हैं।

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योजना पात्रता के लिए भूमि सत्यापन

सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य भूमि सत्यापन भी शुरू किया है कि केवल पात्र किसानों को ही PM-Kisan योजना के तहत लाभ मिले। इस कदम का उद्देश्य उन अपात्र लाभार्थियों की पहचान करना और उन्हें बाहर करना है जो धन प्राप्त कर रहे हैं।

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