इस बार 2 सितंबर से श्राद्ध पक्ष आरम्भ हो रहा है। मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष में पितरलोक से पितर देव अपने परिजनों से मिलने के लिए धरती पर किसी न किसी रूप में आते हैं और परिजनों के द्वारा भोजन और भाव ग्रहण करते हैं। पितृ पक्ष के दौरान 16 दिनों तक पितरों का तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान किया जाता है। शास्त्रों में माना जाता है कि जो लोग पितृपक्ष में अपने पूर्वजों का तर्पण और पिंडदान नहीं करते, उनके घर में कोई न कोई अनहोनी होती रहती है।


लेकिन आज हम आपको बता दे श्राद्ध भोज थाली में क्या रखना चाहिए, श्राद्ध के भोजन में में खीर-पूड़ी, हलवा शुभ माना जाता है लेकिन पौराणिक मान्यता है कि आपके पूर्वजों को उनके जीवन में खाने में जो चीजें पसंद थी, उसे खाद्य आहार का भोग लगाना चाहिए, इससे पितर खुश होते हैं।


चना, मसूर, उड़द, कुलथी, सत्तू, मूली, काला जीरा, कचनार, खीरा, काला उड़द, काला नमक, लौकी,प्याज, लहसुन, बड़ी सरसों, काले सरसों की पत्ती और बासी, खराब अन्न, फल और मेवे जैसी चीजें श्राद्ध भोज में शामिल नहीं करनी चाहिए।

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