एक बार फिर से मुकेश अंबानी ने निभाया भाई होने का फर्ज, अनिल अंबानी को जेल जाने से बचाया
अगर आपको याद होगा तो ये तो जानते ही होंगे कि अभी से कुछ दिनों पहले रिलायंस समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी और अन्य के खिलाफ बकाया भुगतान नहीं करने पर टेलिकॉम उपकरण निर्माता एरिक्सन ने उच्चतम न्यायालय में तीन अवमानना याचिकाएं दायर की थीं, और इस मामले के खिलाफ अनिल अंबानी को सुप्रीमकोर्ट की तरफ से बड़ा झटका मिला था और बताया जा रहा था कि इस राशि को अगर अनिल अंबानी तय समय तक नहीं चुकाया तो उन्हें जेल जाना पड़ सकता है।
जी हां लेकिन अब खबरें आ रही हैं कि अनिल अंबानी ने वो रकम चुका दी है और अब वो जेल नहीं जाएंगे। आपको बता दें कि अनिल अंबानी को एरिक्सन को तय समय सीमा के भीतर 7.7 करोड़ डॉलर का भुगतान करना था और इतनी बड़ी रकम अनिल अंबानी जमा नहीं कर सकते थें तभी इस मुसीबत की घड़ी में मुकेश अंबानी ने अपने भाई अनिल अंबानी की मदद की और उन्हें को जेल जाने से बचा लिया है। ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि खुद इस बात का खुलासा अनिल अंबानी ने किया है। जी हां इस बकाया राशि को चुकाने में अपने बड़े भाई मुकेश और भाभी नीता अंबानी की मदद के लिए धन्यवाद करते हुए अनिल अंबानी ने एक बयान जारी किया है।
इस बयान में लिखा है, ”मुश्किल घड़ी में मुझे अपने परिवार से मदद मिली है। यह हमारे परिवार के मज़बूत मूल्यों को ही दर्शाता है। जिस वक़्त मुझे सबसे ज़्यादा मदद की ज़रूरत थी मेरा परिवार साथ खड़ा हुआ।” अगर आपको याद होगा तो इन दोनों भाईयों के बीच एक ऐसा भी समय आ गया था जब इनके संबंध अच्छे नहीं थे और दोनों में प्रतिद्वंद्विता थी। अनिल अंबानी ने लिखा है, ”मैं और मेरा परिवार इस बात के लिए आभारी है कि हम अतीत से निकल गए हैं। इस मदद के लिए दिल से आभार प्रकट करता हूं।”
दरअसल इस मामले में अनिल अंबानी ने पिछले साल ही निजी तौर पर वादा किया था कि साल के अंत तक वो एरिक्सन का क़र्ज़ चुका देंगे। लेकिन इन पैसों को न चुकाने के कारण इस बार उनका जेल जाना तो तय हो गया था वो तो भला था मुकेश अंबानी का जिन्होने अनिल अंबानी को बचा लिया। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि चार हफ़्ते के भीतर अगर एरिक्सन का पैसा नहीं मिलता है तो अनिल अंबानी और उनके दो सहयोगियों को तीन महीने के लिए जेल जाना होगा।
बताते चलें की टेलीकॉम कंपनी एरिक्सन ने वर्ष 2014 में आरकॉम का टेलीकॉम नेटवर्क संभालने के लिए 7 साल की डील की थी। जिसके बाद एरिक्सन ने यह आरोप लगाया है की आरकॉम ने अभी तक 1,500 करोड़ रुपए की बकाया रकम नहीं चुकाई। हालांकि दिवालिया हो चुकी आरकॉम ने पिछले साल अदालत में अपील की थी जिसके बाद सेटलमेंट प्रक्रिया के तहत एरिक्सन इस बात के लिए राजी हुई कि आरकॉम सिर्फ 550 करोड़ रुपए का भुगतान कर दे। सुप्रीम कोर्ट ने आरकॉम को 15 दिसंबर तक भुगतान करने के आदेश दिए थे बावजूद इसके तय समय तक आरकॉम ने पेमेंट नहीं किया।