आप यदि एक सरकारी कर्मचारी हैं तो यह जानकारी आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार ने सामान्य भविष्य निधि नियमों में एक बड़ा बदलाव किया है। बता दे की, जीपीएफ पीपीएफ की तरह ही एक योजना है, जिसमें सिर्फ सरकारी कर्मचारी ही योगदान कर सकते हैं। पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने 11 अक्टूबर, 2022 को एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया, जिसमें कहा गया था कि सामान्य भविष्य निधि नियम, 1960 के अनुसार, एक ग्राहक के संबंध में जीपीएफ 6 प्रतिशत से कम नहीं होना चाहिए।

आपकी जानकारी के लिए बता दे की, अभी तक इस फंड में पैसा जमा करने की कोई ऊपरी सीमा तय नहीं की गई थी। अब तक के नियमों के मुताबिक कर्मचारी अपने वेतन का एक प्रतिशत हिस्सा लगा सकते थे। मगर जब 15 जून 2022 को सरकारी अधिसूचना में यह जानकारी दी गई कि एक वित्तीय वर्ष में जीपीएफ खाते में 5 लाख रुपये से अधिक नहीं जोड़ा जा सकता है।

सरकारी कर्मचारियों को अपने वेतन का कम से कम 6 प्रतिशत इसमें लगाना होगा। यह पैसा खाताधारक को सेवानिवृत्ति के समय वापस कर दिया जाता है। बता दे की, जीपीएफ में जमा किए गए पैसे पर भी आपको ब्याज मिलता है। अभी सरकार खाताधारकों को जीपीएफ पर 7.1 फीसदी ब्याज देती है।

जीपीएफ क्या है?

बता दे की, जीपीएफ भी एक प्रकार का भविष्य निधि खाता है, जो सभी कर्मचारियों के लिए उपलब्ध नहीं है। जीपीएफ का लाभ सरकारी कर्मचारियों को ही मिलता है। जिसके लिए सरकारी कर्मचारियों को अपने वेतन का कुछ हिस्सा जीपीएफ में देना होता है। सरकारी कर्मचारियों के लिए इसमें योगदान देना अनिवार्य है। जिसके बाद, कर्मचारी द्वारा रोजगार अवधि के दौरान जीपीएफ में किए गए योगदान में से जमा की गई कुल राशि का भुगतान कर्मचारी की सेवानिवृत्ति के समय किया जाता है।

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