तिब्बत में स्थित कैलाश पर्वत को भगवान शिव का पावन धाम माना जाता है. मान्यता है कि वहां पर भोले शंकर अपने पूरे परिवार और दूसरे देवी-देवताओं के साथ निवास करते हैं.


मान्यता है कि कैलाश पर्वत पर भगवान शिव अपने परिवार के साथ रहते हैं. इसीलिए कोई भी जीवित इंसान वहां जीवित ऊपर नहीं पहुंच सकता. मरने के बाद या जिसने कभी भी कोई पाप न किया हो, केवल वही कैलाश फतह कर सकता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार कई बार असुरों और नकारात्मक शक्तियों ने कैलाश पर्वत पर चढ़ाई करके इसे भगवान शिव से छीनने का प्रयास किया, फिर भी उनकी मंशा कभी पूरी नहीं हो सकी.

ऐसा भी माना जाता है कि कैलाश पर्वत पर थोड़ा सा ऊपर चढ़ते ही व्यक्ति दिशाहीन हो जाता है. बिना दिशा के चढ़ाई करना मतलब मौत को दावत देना है, इसलिए कोई भी इंसान आज तक कैलाश पर्वत पर नहीं चढ़ पाया है. यह भी मान्यता है कि जो भी इस पहाड़ पर चढ़ने की कोशिश करता है, वो आगे नहीं चढ़ पाता. उसका हृदय परिवर्तन हो जाता है और उसमें वैराग्य जागने लगता है.


Related News