न ईट…न सीमेंट… बल्कि पेड़ की जड़ से यहां बनते हैं पुल, जो टिकते हैं 500 साल तक
भारत के नॉर्थ ईस्ट में मेघालय राज्य है जो बहुत ही खूबसूरत हैं, यहां दुनिया भर से लोग आते हैं ,इस राज्य में लिविंग रूट ब्रिज यानी पेड़ से निकली जड़ों की मदद से बनाए गए पुल भी हैं, जो बहुत मशहूर है। इन पुलों में बिल्कुल भी स्टील का प्रयोग नहीं हुआ, यह पुल हाथों से बनाए जाते हैं।
मेघालय में बहुत ज्यादा बारिश होती है, जब बारिश की वजह से नदियों का स्तर बहुत बढ़ जाता है तो इस तरह के पुलों का निर्माण किया जाता है, मेघालय के 2 जिलों ईस्टर्न खासी हिल्स और वेस्टर्न जयंती हिल्स में ऐसे पुलों की भरमार है। यह पुल समुद्र तल से 50 मीटर से 1150 मीटर की ऊंचाई पर है।
इन पुलों को मेघालय के पेड़ों की जड़ों से तैयार किया जाता है जो एक साथ कई लोगों का वजन उठा सकते हैं, इन पुलों को इन पुलों को डबल डेकर और सिंगल डेकर रूट ब्रिज के तौर पर बांटा गया है,जब यह पुल बनकर तैयार हो जाते हैं तो एक बार में 50 लोगों तक का वजन उठा सकते हैं।