Mesha Sankranti 2021: कब है मेष संक्रांति, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
इस वर्ष मेष संक्रांति 14 अप्रैल को है। यह संक्रांति तब आती है जब सूर्य, मीन से मेष राशि में प्रवेश करता है। इस पर्व तो उत्तर भारत के लोग बेहद ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। इसे सत्तू संक्रांति या सतुआ संक्रांति भी कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन से खरमास का समापन हो जाता है। इस दिन से ही शुभ कार्यों जैसे शादी विवाह, गृह प्रवेश और घर खरीदने के लिए शुभ मुहूर्त कि शुरुआत हो जाती है। आइए जानते हैं मेष संक्रांति का शुभ मुहूर्त और महत्व।
मेष संक्रान्ति 2021 फलम्:
मेष संक्रान्ति पुण्य काल मुहूर्त
मेष संक्रान्ति बुधवार, अप्रैल 14, 2021 को
मेष संक्रान्ति पुण्य काल- सुबह 5 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 22 मिनट तक
अवधि- 06 घंटे 25 मिनट्स
मेष संक्रान्ति महा पुण्य काल- सुबह 5 बजकर 57 मिनट से सुबह 8 बजकर 5 मिनट तक
अवधि- 02 घंटे 8 मिनट
मेष संक्रान्ति का महत्व:
हिंदू धर्म में मेष संक्रांति का महत्व अत्याधिक होता है। इस दिन सूर्य पूजा का विशेष महत्व माना गया है। इस दिन सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य देने से भगवान सूर्यनारायण की कृपा व्यक्ति पर बनी रहती है। साथ ही सूर्य आराधना करने से सूर्य ग्रह से संबंधी दोषों का निवारण होता है।साथ ही भगवान की कृपा प्राप्त होती है। सूर्य आराधना से यश, कीर्ति और वैभव की प्राप्ति भी होती है। मेष संक्रांति को पंजाब में वैशाख, केरल में विशु, पश्चिम बंगाल में पोइला बैसाख, ओडिशा में पना संक्रांति या महा विषुव संक्रांति , तमिलनाडु में पुथांदु, बिहार में सतुआनी और उत्तराखंड में इसको बिखोती के नाम से जाना जाता है।