सौर मंडल में कई बदलाव होते रहते हैं, लेकिन ताजा रिपोर्ट आपकी परेशानी को बढ़ाने वाली है। एक और सौर तूफान आ रहा है जो संभावित रूप से बुनियादी ढांचे को नष्ट कर सकता है और 'इंटरनेट सर्वनाश' का कारण बन सकता है। ये बेहद ही खतरनाक और नुकसानदेह होता है। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, इरविन और वीएमवेयर रिसर्च की संगीता अब्दु ज्योति द्वारा प्रकाशित एक नए शोध पत्र के अनुसार, यदि यह विशाल आगामी सौर तूफान आता है तो यह इंटरनेट ब्लैकआउट का कारण बन सकता है और हमारी डिजिटल दुनिया को पूरी तरह से बदल देगा। इतना ही नहीं इस सौर तूफान के कारण कई देशों का इकोनॉमी मुंह के बल गिर जाएगी और कई देश पूरी तरह कंगाल हो सकते हैं।

सौर तूफान का मतलब सूरज से निकलने वाला कोरोनल मास है, जो बेहद नुकसानदायक और प्रयलकारी साबित हो सकता है। इस रिपोर्ट के मुताबिक इस सौर तूफान के कारण धरती पर इंटरनेट सर्विस ठप हो सकती है लया कई दिनों तक बंद हो सकती है। अपने शोध में, अब्दु ज्योति ने खुलासा किया कि अत्यधिक सौर तूफान के दौरान स्थानीय और क्षेत्रीय इंटरनेट बुनियादी ढांचे को नुकसान का कम जोखिम होगा क्योंकि वे ज्यादातर फाइबर ऑप्टिक का उपयोग करते हैं। लेकिन दुनियाभर के समुद्रों में फैली इंटरनेट केबल पर इसका असर पड़ सकता है। शोध के मुताबिक इंटरनेट के फाइबर ऑप्टिक्स पर सौर तूफान के दौरान निकली जियोमैग्नेटिक करंट का सीधा असर नहीं होगा, लेकिन दुनिया के देशों को जोड़ने वाली समुद्री इंटरनेट केबल इससे प्रभावित होगी और जिन देशों ने इन केबल को अपने ऑप्टिक्स से जोड़ा है, वहां कई दिनों तक इंटरनेट सेवा बाधित रह सकती है।


शोध से पता चलता है कि यदि नेटवर्क पर ये पुनरावर्तक ऑफ़लाइन हो जाते हैं, तो यह उन लोगों के लिए इंटरनेट ब्लैकआउट का कारण सकता है जो केवल अंडरसी केबल से आने वाले इंटरनेट पर भरोसा करते हैं।

जो लोग अनजान हैं, उन्हें बता दें कि इससे पहले, गंभीर सौर तूफान आखिरी बार 1859, 1921 में और सबसे हाल ही में 1989 में आए थे। 1989 में आए सौर तूफान ने हाइड्रो-क्यूबेक पावर ग्रिड को नीचे गिरा दिया, जिससेपूर्वोत्तर कनाडा में नौ घंटे बिजली गुल रही थी। शोध के मुताबिक सौर तूफान को लेकर कम जानकारी के कारण इसका असर और भी भयानक हो सकता है।

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