BY: Varsha Saini

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अर्जुन का एक पुत्र किन्नरों का देवता बना और उस से जुड़ी कहानी ही हम आपको बताने जा रहे हैं। दरअसल अर्जुन को मारने का जिम्मा नाग राजकुमारी उलूपी ने खुद लिया था, लेकिन जैसे ही उन्होंने अर्जुन को देखा तो उन पर मोहित हो गई। उन्होंने अर्जुन को मारने का इरादा छोड़ दिया और उन्हें अपहरण कर के नाग लोक ले आईं।

उलूपी को अर्जुन की तीन पत्नियों के बारे में पता था, लेकिन वह फिर भी उनसे विवाह करना चाहती थी। अर्जुन भी उलूपी पर मोहित थे। ऐसे में दोनों ने विवाह रचा लिया।

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अर्जुन नागलोक में नहीं रह सकते थे, इसलिए कुछ समय बाद वो वहां से चले गए। उलूपी ने अर्जुन को रोका नहीं, बस इस बारे में जानकारी दी कि वह उनके बच्चे की मां बनने वाली है।

अर्जुन के जाने के बाद उलूपी ने इरावन नाम के पुत्र को जन्म दिया। इरावन ने ही महाभारत में पांडवों की जीत के लिए अपनी बलि दे दी थी और वो बाद में किन्नरों के देवता कहलाये।

उलूपी एक जलपरी भी थी और उसी ने अर्जुन को एक वरदान भी दिया था। उन्होंने वरदान दिया कि अर्जुन कभी जल युद्ध में पराजित नहीं होंगे और न ही कोई जल का प्राणी उन्हें कभी नुकसान पहुंचाएगा।

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