शास्त्रों के अनुसार माघ का महीना धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से बहुत अच्छा माना जाता है। इसलिए इस महीनें में पूजा - पाठ , तप - ध्यान और व्रत का विशेष महत्व है। हिंदू ग्रंथो के अनुसार ऐसा माना जाता है कि इस समय सभी देवी - देवता अपने श्रद्धालुओं पर ध्यान रखते है और माघ के इन दिनों में पृथ्वी सूर्य के सबसे नजदीक होती है। सूर्य का गुरुत्वाकर्षण इन दिनों सबसे अधिकतम होता है।
इसी महीने में पृथ्वी सूर्य के सबसे करीब होती है। इसलिए सूर्य का अधिकतम खिंचाव भी इन दिनों में ही रहता है।

यह समय सौरमंडल और उसमें रहने वाले जीवों के जीवन में संतुलन और स्थिरता बनाने में अच्छा सहायक होता है।
जमीन की ओर खिंचाव के कारण व्यक्ति का मूलाधार चक्र सक्रिय हो जाता है उत्तरी गोलार्ध में स्वतह ही इन दिनों में जीवन की गति धीरे हो जाती है।
विज्ञान के अनुसार मानसिक असंतुलन को जलतत्व के अनियंत्रित होने के रूप में संतुलित होते हुए देखा जाता है। माघ के महीने में ही पृथ्वी ऐसा कोण बनाती है कि सूर्य की किरणे यहां पहुंचते तक बिखर जाती है।

इस लिए ये हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। इस समय किस पेड़ - पौधें का बीज बोया जाए तो उसका विकास भी प्रभावित होता है वह ठीक से अंकुरण नहीं हो पाता है।
ग्रंथो के अनुसार माघ का महीना भगवान के प्रति आस्था और श्रद्धा का माना जाता है। इस महीने में किये गए दान - पुण्य का विशेष महत्त्व होता है। ये नई आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करते है।

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