हम अक्सर प्रदूषित हवा के लिए बाहर जाने के बजाय घर के अंदर रहना पसंद करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके घर की हवा बाहर की हवा से ज्यादा प्रदूषित है? विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, इनडोर वायु प्रदूषण के कारण दुनिया भर में हर साल लगभग 40 लाख लोगों की मौत होती है।

पिछले कुछ दिनों के शोध से पता चला है कि घरों या अन्य इमारतों में घर के अंदर की हवा बाहरी हवा की तुलना में अधिक प्रदूषित हो सकती है।

अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी के अनुसार, इनडोर प्रदूषण का स्तर दो से पांच गुना अधिक और कभी-कभी बाहर की तुलना में 100 गुना अधिक हो सकता है। कई लोग अपना लगभग 90 प्रतिशत समय घर पर बिताते हैं। इसलिए यह समझना बहुत जरूरी है कि हवा की गुणवत्ता हमें कैसे प्रभावित कर सकती है।

अक्सर घर में खाना पकाने के बाद धुंआ, बरसात के मौसम में नमी, दीवार में फंगस और उसकी बदबू आती है, यही आंतरिक वायु प्रदूषण के एकमात्र प्रकार हैं। वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों के कारण होने वाले प्रदूषण का पता लगाना मुश्किल है। क्योंकि वे यौगिक गैस होते हैं, चाहे वे गंध करते हों या नहीं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, घर के अंदर वायु प्रदूषण से सर्दी-जुकाम और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। इस प्रदूषण के कारण नाक बहना, आंखें, गले में खराश, बार-बार सिरदर्द, थकान और चक्कर आना जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।

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