कुंभ (प्रयागराज ): इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और डॉक्टरी की डिग्री लेने वाले युवा बन रहे हैं नागा साधु
प्रयागराज (इलाहाबाद) कुंभ में इंजीनियरिंग, एमबीए, डॉक्टरेट, कॉलेज और स्कूलों के टॉपर छात्र नागा साधु बन रहे हैं। नागा बनने वाले युवाओं में 12वीं की परीक्षा में टॉप करने वाले उज्जैन के घनश्याम गिरि, मरीन इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने वाले रजत कुमार राय और यूक्रेन से मैनेजमेंट की पढ़ाई करने वाले शंभू गिरि जैसे कई नाम शामिल हैं।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् के अनुसार, इस महाकुंभ में करीब 10,000 से ज़्यादा लोग नागा साधु बनने की दीक्षा ले रहे हैं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के सचिव महंत हरि गिरि के मुताबिक, केवल कुंभ के दौरान ही दीक्षा समारोह आयोजित किए जाते हैं। हरि गिरी का कहना है कि नागा परंपरा को स्वीकार करने में कई मुसलमान और ईसाई भी हैं। साथ ही कई लोग ऐसे भी हैं जो पहले डॉक्टर या इंजीनियर रहे हैं।
गंगा की रेत पर बिना वस्त्र के अपनी धुन में मग्न नागा साधु हमेशा से कुंभ में कौतूहल और आकर्षण का केंद्र रहे हैं। जिस तरह से शिक्षित युवा नागा बनने की दीक्षा ले रह हैं, उसे देखते हुए दावे के साथ कहा जा सकता है कि नागा बनने की तपस्या इंजीनियरिंग और डॉक्टरी की डिग्री पाने से भी कठिन है।
जानकारी के लिए बता दें कि पिछले दिनों कुंभ में एक सामूहिक दीक्षा समारोह में हजारो लोग शामिल हुए और नागा साधु परंपरा के अनुसार बाल मुड़वाए। नागा संप्रदाय के मुताबिक, शरीर को तपाने और अध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए शरीर का नग्न रहना अति आवश्यक है।