11 नवंबर को हिन्दी जगत के टीवी स्टार, सिद्धांत वीर सूर्यवंशी ने शुक्रवार इस दुनिया को अलविदा कह दिया। पिछले कुछ समय से वर्कआउट के दौरान दिल का दौरा या कार्डियेक अरेस्ट के कई मामले देखने को मिले हैं। जिसमें एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला, कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव, भाभी जी घर पर हैं सीरियल के 'मलखान' यानी 'दीपेश भान और साउथ के एक्टर पुनीत राजकुमार की भी वर्कआउट के बाद दिल का दौरा पड़ने मौत हुए थी। ऐसे में यह जानना ज़रूरी है कि युवाओं में दिल के दौरे और कार्डियेक अरेस्ट के क्या कारण हैं।


नौजवानों में कार्डियेक अरेस्ट की क्या वजह हो सकती हैं?
कम उम्र में जिन लोगों को अचानक दिल का दौरा या फिर कार्डियेक अरेस्ट आता है, उससे पहले अक्सर कई लक्षण भी दिखते हैं, जिन्हें नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है। इनमें अचानक बेहोश हो जाना, दिल की धड़कनों का सही न होना (arrhythmias), परिवार में दिल की बीमारी का इतिहास होना, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को इग्नोर करना शामिल है।


युवाओं में दिल के दौरा का क्या कारण होता है?
ऐसे कई कारण हैं, जो युवाओं में दिल के दौरे की वजह बन सकते हैं। इनमें से एक है हाइपरटेंशन, जो जीवन में ज़रूरत से ज़्यादा तनाव और दबाव के कारण हो सकता है। दूसरी वजह हो सकती है ज़्यादा वज़न और मोटापा, जंक फूड का सेवन और कम फिज़ीकल एक्टिविटी। स्मोक करना भी सीधे दिल को प्रभावित करता है। इससे कार्डियेक अरेस्ट भी हो सकता है।

कई बार परिवार में अचानक आए कार्डियेक अरेस्ट के मामलों की गहराई में जाना ज़रूरी होता है, ताकि दूसरे सदस्य सचेत रहें। गुप्त दिल की समस्या के कारण शारीरिक गतिविधि के दौरान एक युवा व्यक्ति की अचानक मृत्यु हो सकती है। जिसमें स्पोर्ट्स एक्टिविटी, जिम में एक्सरसाइज़, परफॉर्मिंग आर्ट्स शामिल हैं। हालांकि, कई बार बिना ज़्यादा काम किए भी कार्डियेक अरेस्ट आ सकता है। इसलिए तनाव का मैनेजमेंट भी ज़रूरी है

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