16 सितंबर 1987 को संयुक्त राष्ट्र और 45 अन्य देशों ने ओजोन परत को खत्म करने वाले पदार्थों पर मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए थे,मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल का उद्देश्य ओजोन परत की कमी के लिए जिम्मेदार पदार्थों के उत्पादन को कम करना है, जिससे ओजोन परत की रक्षा हो सके इसलिए हर साल 16 सितंबर का दिन पूरी दुनिया में ओजोन दिवस के रूप में मनाया जाता है।हमारे जीवन के लिए ऑक्सीजन को सबसे जरूरी मानते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि ओजोन इससे भी ज्यादा जरूरी है इसलिए हमें इस दिवस को मनाने के पीछे का कारण पता होना जरूरी है, आओ जानते है इस दिवस को मानाने के पीछे का कारण,पहली बार विश्व ओजोन दिवस 16 सितंबर 1995 में मनाया गया था।

अब हम ओजोन परत के बारे में जानते है, आई जानिये क्या है ओजोन परत?पृथ्वी के वायुमंडल की एक परत है, जिसे ओजोन परत कहते हैं,ये परत न केवल हमें सूरज से आने वाली अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाती है बल्कि हानिकारक किरणों से होने वाली समस्याओं के दूर रखती है. ओजोन की परत की खोज 1913 में फ्रांस के भौतिकविदों फैबरी चार्ल्स और हेनरी बुसोन ने की थी,ओजोन (O3) आक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनने वाली एक गैस है।

इस साल ‘Global Cooperation Protecting Life on Earth’ तय की गई है।

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