मधुमेह अब एक बीमारी नहीं बल्कि जीवनशैली की समस्या है। पिछले कुछ सालों में 25 साल के बच्चों में मधुमेह के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। जहां इसका मुख्य कारण गलत जीवनशैली है, वहीं आनुवंशिकता, तनाव में वृद्धि, गलत खान-पान, गलत खान-पान, व्यायाम की कमी, व्यसन जैसे विभिन्न कारणों से मधुमेह होने वाले युवाओं की संख्या बढ़ रही है। ब्लड शुगर को नियंत्रित करना उतना आसान नहीं है जितना आप सोचते हैं। क्‍योंकि इसका ज्‍यादातर संबंध हमारे खान-पान से है। इस प्रकार को टाइप 2 मधुमेह के रूप में जाना जाता है। मधुमेह को एक ऐसी समस्या के रूप में जाना जाता है जो शरीर के एक हिस्से को दूसरे हिस्से पर प्रभावित करती है, इसलिए इसे स्लो पॉइजनिंग भी कहा जाता है। तो अगर आप अपनी युवावस्था में इस समस्या के शिकार हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। टाइप 2 डायबिटीज जैसी गलतियों को नियंत्रण में रखना चाहिए और इससे बचना चाहिए ताकि यह गंभीर न हो जाए....

1. लगातार आलस्य - आलस्य किसी भी बीमारी के लिए खतरनाक होता है। यह मधुमेह के लिए सबसे खतरनाक चीज है। आलस्य न सिर्फ मोटापा बढ़ाता है बल्कि ब्लड शुगर भी बढ़ाता है। इसलिए एक्टिव रहना सिर्फ डायबिटीज के लिए ही नहीं बल्कि और भी कई चीजों के लिए फायदेमंद होता है। इसलिए आपको बिना किसी असफलता के हर दिन व्यायाम करना होगा। फिर भी, एक का मालिक होना अभी भी औसत व्यक्ति की पहुंच से बाहर है।

2. कम वसा वाले आहार, कार्बोहाइड्रेट में उच्च - वसा आपके आहार में सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों में से एक है। वजन घटाने के नाम पर कई लोग डाइटरी फैट को पूरी तरह से बंद कर देते हैं। नतीजतन, इन लोगों के आहार में भी अच्छे वसा की कमी होती है। इसलिए डायटीशियन के अनुसार डायबीटीज के मरीजों को अनाज, बीज और रिफाइंड तेल के जरिए गुड फैट का सेवन करना चाहिए।

3. अत्यधिक तनाव - स्वास्थ्य की वर्तमान स्थिति में सबसे खतरनाक चीज तनाव है। प्रतिस्पर्धा के युग में भागते समय युवाओं को परिवार, करियर, रिश्ते, सामाजिक जैसे विभिन्न स्तरों के तनाव का सामना करना पड़ता है। लेकिन यह तनाव मधुमेह के लिए बहुत खतरनाक है और इसका स्वास्थ्य पर दूरगामी प्रभाव पड़ता दिख रहा है। तनाव न सिर्फ ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाता है बल्कि दिल से जुड़ी शिकायतें भी पैदा करता है।

4. पर्याप्त नींद न लेना - अच्छी सेहत के लिए 7 से 8 घंटे की आरामदायक नींद बहुत जरूरी है। नींद शरीर में हार्मोन का उचित संतुलन बनाए रखने में मदद करती है। इंसुलिन भी एक हार्मोन है जो मधुमेह रोगियों के लिए समय पर पर्याप्त नींद लेने के लिए आवश्यक है।

5. दो आहारों के बीच लंबी दूरी - यदि आपको मधुमेह है, तो सुनिश्चित करें कि आपके दोनों आहारों के बीच उचित अंतर हो। यदि दो खाद्य पदार्थों के बीच अंतर है, तो रक्त शर्करा बढ़ने की संभावना है। इसलिए डायटीशियन डायबिटीज से पीड़ित लोगों को समय-समय पर कुछ न कुछ खाने की सलाह देते हैं। दो भोजन के बीच आपको कुछ ऐसा खाना चाहिए जो आपके आहार में काम करे।

6. फल न खाएं - फलों में प्राकृतिक रूप से चीनी होती है, इसलिए मधुमेह वाले कई लोगों को यह गलतफहमी होती है कि फल काम नहीं करते। लेकिन आहार से फलों को पूरी तरह से खत्म करने या बहुत अधिक फल खाने की सलाह नहीं दी जाती है। मधुमेह वाले लोगों को सही मात्रा में फल खाने की जरूरत है।

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