क्या घर का बना काजल बच्चों की आंखों पर लगाना सही है? जाने इससे जुड़ी बातें
भारत में पैदा हुए बच्चे को बुरी नजर से बचाने के लिए काजल का टीका लगाया जाता है। वहीं ऐसा भी कहा जाता है कि इससे बच्चे की आंखें और पलकें बड़ी हो जाती हैं। हालांकि, बाल रोग विशेषज्ञ इसकी बिल्कुल भी सलाह नहीं देते हैं। डॉक्टर के मुताबिक ऐसा करना बेहद हानिकारक होता है। इसके बावजूद बच्चों की कोमल आंखों में काजल लगाया जाता है।
डॉक्टर के मुताबिक यह बच्चों की सेहत के लिए जहर की तरह काम करता है। बच्चों में आंत का अवशोषण अधिक होता है और उनका तंत्रिका तंत्र विकास की प्रक्रिया में होता है। ऐसे में काजल में मौजूद लेड जहर की तरह काम कर सकता है। आइए जानते हैं कि बच्चों को काजल क्यों नहीं लगाना चाहिए। काजल बनाने में लेड का उपयोग किया जाता है। जो सेहत के लिए हानिकारक है। यह गुर्दे, मस्तिष्क, अस्थि मज्जा और शरीर के अन्य अंगों को भी बुरी तरह प्रभावित करता है।
यदि रक्त में लेड का स्तर बढ़ जाता है तो कोमा में जाने की संभावना बढ़ जाती है और मामला इतना बिगड़ सकता है कि व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। ऐसे में यह नवजात शिशु के स्वास्थ्य के लिए खतरों से भरा होता है। घर का बना काजल प्राकृतिक कहा जाता है, लेकिन घर का बना काजल भी सुरक्षित नहीं है। इन मस्कारा में कार्बन होता है, जो बच्चे की आंखों के लिए हानिकारक हो सकता है। बच्चों की आंखों में संक्रमण का भी खतरा रहता है, क्योंकि यह काजल उंगली से लगाया जाता है।