हिंदू धर्मशास्त्रों में भगवान शिव से जुड़ी अनेक रहस्यमयी कथाओं को उल्लेख किया गया है। इस स्टोरी में आज हम आपको भोलेनाथ की उस अमरकथा से जुड़े रहस्य के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे उन्होंने माता पार्वती को अमरनाथ की पवित्र गुफा में सुनाई थी।

बता दें कि अमरनाथ की पवित्र गुफा की अमरकथा के बारे में ढेर सारी बातें की जाती हैं, लेकिन इस पवित्र कथा के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। धर्मशास्त्रों में वर्णित है कि माता पार्वती का पहला जन्म दक्ष की पुत्री के रूप में हुआ था, इसके बाद देवी सती का दूसरा जन्म हिमालयराज के यहां पार्वती के रूप में हुआ था।

एक बार माता पार्वती ने भगवान शिव से पूछा कि आपके गले में नरमुंड की माला क्यो हैं? तब भगवान शिव ने पार्वती से कहा कि तुमने जितनी बार जन्म लिया, उतने ही नरमुंड मैंने धारण किए हैं। तब देवी पार्वती ने कहा- आप तो अमर हैं, जबकि मेरा शरीर नाशवान है, मृत्यु को प्राप्त होता है। तत्पश्चात देवी पार्वती ने भगवान शिव से इस गहरे रहस्य को जानने की ​कोशिश की।

शुरू में भगवान शिव ने यह रहस्य बताने से मना कर दिया, लेकिन देवी पार्वती अपनी ही जिद पर अड़ी रहीं। इसके बाद भोलेनाथ ने यह रहस्य बताने का निर्णय लिया। भगवान शिव ने माता पार्वती से कहा कि अमरकथा सुनाते वक्त कोई भी अन्य जीव इस कथा को नहीं सुने। इसीलिए भोलेनाथ ने पांच तत्वों (पृथ्वी, जल, वायु, आकाश और अग्रि) का परित्याग अमरनाथ की गुफा में पहुंच गए तथा माता पार्वती को अमरकथा सुनाने लगे।

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