आखिर भारतीय नोट पर कितनी भाषाएं छपी होती है और इन्हे छापने का क्या महत्व है? जानें
हम सभी ने 100, 500, 2000 रुपए के नोट का इस्तेमाल किया है। इस पर कई चीजें लिखी या छपी होती है। लेकिन क्या आपको पता है कि नोट पर कितनी भाषाएं लिखी होती है और इनको छापने की क्या वजह है? इसी बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
नोट पर होती हैं 17 भाषाएं
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के अनुसार एक भारतीय नोट पर 17 भाषाएं प्रिंट होती हैं। भारतीय संविधान में किसी भी भाषा को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा नहीं मिला और देश में 22 भाषाएं बोली जाती हैं। इसलिए उनमे से 17 भाषाओँ को प्राथमिकता दी गई है।
नोट पर हिंदी और अंग्रेजी के अलावा असमी, बंगाली, कन्नड़, गुजराती,कोंकणी, कश्मीरी, मराठी, मलयालम, उड़िया, नेपाली,पंजाबी, संस्कृति, तमिल, तेलगु और उर्दू शामिल हैं।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने आजाद भारत में पहला नोट एक रुपए का था। 30 नवंबर 1917 को एक रुपए का नोट ब्रिटिश शासन काल में आया था जिस पर जॉर्ज पंचम की फोटो लगी थी। इस नोट को इंग्लैंड में प्रिंट किया गया था और एक रुपए के नोट की वैल्यू बाकी मुद्रा की तुलना में बहुत कम थी।
वर्ष 1969 में आरबीआई ने 5 और 10 रुपयों के नोट पर महात्मा गांधी की 100वीं जयंती के मौके पर स्मारक डिजाइन वाली सीरिज जारी की थी।