शरीर कुछ भोजन को पचाकर रक्त शर्करा बनाता है, जो रक्त प्रवाह में घूमता है। ब्लड शुगर ऊर्जा के लिए इस्तेमाल होती है। अगर शरीर को फौरन ऊर्जा की ज़रूरत नहीं होती, तो वह शर्करा बाद में काम आने के लिए सेल्स में स्टोर हो जाती है। हालांकि, एक्सपर्ट्स के अनुसार, रक्त में ज़्यादा शर्करा का जमा होना नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे कई तरह के हेल्थ समस्याएं होने लगती हैं, जिसमें दिल, किडनी, आंखे और ब्लड वेसल्स शामिल हैं।

जैसे ही हम खाना खा लेते हैं, हमारे शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने लगता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ग्लूकोज़, एक साधारण शर्करा, हमारे रक्त प्रवाह में बनना शुरू हो जाता है। जो लोग डायबिटीज़ का शिकार होते हैं, उनके शरीर में अचानक ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है, क्योंकि उनका शरीर ग्लूकोज़ को सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाता।

हाइपरग्लेसेमिया के लक्षण आमतौर पर तब शुरू होते हैं, जब आपका रक्त ग्लूकोज़ 250 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (मिलीग्राम / डीएल) से ऊपर चला जाता है। यह लक्षण बिगड़ना शुरू हो जाते हैं, अगर इनका वक्त रहते इलाज न हो।

ब्लड शुगर के बढ़ने के लक्षण क्या होते हैं?
हाई ब्लड शुगर यानी हाइपरग्लेसेमिया के शुरुआती लक्षणों को पहचानना ज़रूरी है। समय पर इलाज शुरू होने से अंगों को नुकसान पहुंचने से बचाया जा सकता है।

ज़रूरत से ज़्यादा प्यास लगना
मुंह का बहुत ज़्यादा सूखना
बार-बार पेशाब आना
धुंधला दिखाई देना
अक्सर सिरदर्द रहना
ब्लड शुगर बढ़ जाने पर इसे किस तरह मैनेज करें?
डॉक्टर्स के मुताबिक, ब्लड शुगर बढ़ जाने पर कुछ बातों का ख्याल रखना बेहद ज़रूरी हो जाता है:

समय पर दवाएं लें: हाई ब्लड शुगर के स्तर को मैनेज करने का सबसे अच्छा तरीका है कि डॉक्टर की बताई हुई दवाओं को रोज़ाना और समय पर लें। अगर आपका ब्लड शुगर स्तर अक्सर बढ़ जाता है, तो इस बारे में डॉक्टर से ज़रूर सलाह करें।

स्मोकिंग न करें: अगर आप डायबिटीज़ से पीड़ित हैं, तो आपको स्मोक बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

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