भारत इस समय भीषण गर्मी की मार झेल रहा है, खासकर देश के उत्तरी इलाके जहां गर्मी ने हद पार कर रखी हैं, गर्मी की वजह से कई लोगो का स्वास्थ्य बिगड़ रहा हैं और हीट स्ट्रौक ने कई लोगो की जान ले ली हैं। तापमान में उछाल और प्रतिदिन नए मामले सामने आने के साथ, इस मौसमी घटना के प्रभाव बने रहने की संभावना है, आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे हीट स्ट्रौक से किसे खतरा हैं, इसके लक्षण क्या हैं और इसके बचावों के बारे में-

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जोखिम में कौन है?

ऐसे समय में, यह समझना महत्वपूर्ण है कि कुछ जनसांख्यिकी समूहों को हीट स्ट्रोक का अधिक जोखिम होता है, विशेष रूप से युवा व्यक्तियों और 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को।

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हीट स्ट्रोक के कारण

हीट स्ट्रोक तब होता है जब लंबे समय तक उच्च तापमान के संपर्क में रहने के कारण शरीर का तापमान विनियमन विफल हो जाता है। खासकर उन व्यक्तियों में जो अत्यधिक गर्मी के आदी नहीं हैं।

हीट स्ट्रोक के लक्षण

उच्च शारीरिक तापमान: शरीर का तापमान 104 डिग्री फ़ारेनहाइट या उससे अधिक हो सकता है, जिसे अक्सर मलाशय से मापा जाता है।

शारीरिक लक्षण: गंभीर सिरदर्द, तेज़ साँस लेना, उल्टी, मतली।

मानसिक लक्षण: बोलने में कठिनाई, चक्कर आना, भ्रम।

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रोकथाम के सुझाव

कपड़े: ठंडक पाने के लिए ढीले-ढाले, हल्के रंग के कपड़े पहनें।

सूर्य से बचाव: तेज धूप में बाहर जाते समय धूप का चश्मा पहनें और एसपीएफ 15 या उससे अधिक वाला सनस्क्रीन लगाएं।

हाइड्रेशन: दिन भर खूब पानी पिएं, भले ही आपको प्यास न लगे।

अधिक परिश्रम से बचें: चरम गर्मी के घंटों के दौरान कम से कम मेहनत वाली गतिविधियाँ करें।

छाया में रहें: अगर बाहर हैं, तो समय-समय पर आराम करने के लिए छायादार जगह ढूँढ़ें और सीधे धूप में लंबे समय तक रहने से बचें।

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