Health Tips- मानसून में हो सकती है फूड पॉइजनिंग, जानिए इससे बचने के उपाय
दोस्तो मानसून के आने से हमें गर्मी से आराम मिल जाता हैं, लेकिन इस मौसम कई परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं, जैसे फूड पॉइजनिंग जो आपको आसान लग सकती है, लेकिन एक गंभीर समस्या हैं, फूड पॉइजनिंग तब होती है जब हानिकारक बैक्टीरिया, वायरस या कवक हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन को दूषित कर देते हैं। जब ये रोगाणु पेट में प्रवेश करते हैं, तो ये पेट में अच्छे बैक्टीरिया के संतुलन को बिगाड़ सकते हैं, जिससे पाचन संबंधी समस्याएँ उत्पन्न करती हैं, आइए जानते हैं इसके बारे में-
फ़ूड पॉइज़निंग के कारण
दूषित पानी: भोजन तैयार करने में गंदा पानी पीना या उसका उपयोग करना।
एक्सपायर हो चुका भोजन: पैकेज्ड खाद्य पदार्थों का सेवन करना जिनकी समाप्ति तिथि बीत चुकी है।
अनुचित खाद्य प्रबंधन: बहुत लंबे समय तक रखा हुआ या अस्वास्थ्यकर परिस्थितियों में तैयार किया गया भोजन खाना।
जब तापमान 32 से 35 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है, तो खाद्य संदूषण का जोखिम काफी बढ़ जाता है। अध्ययनों से पता चला है कि बैक्टीरिया और कवक 37 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान पर पनपते हैं, जिससे अत्यधिक गर्मी और बरसात के मौसम में भोजन के खराब होने की संभावना अधिक होती है।
लक्षणों को पहचानना
- पेट में तेज़ दर्द
- उल्टी और दस्त (विशेष रूप से बार-बार, हर आधे घंटे में)
- अपच
- सिरदर्द
- अत्यधिक थकान और कमज़ोरी
- बुखार
भोजन विषाक्तता किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है, लेकिन यह बच्चों में विशेष रूप से आम है क्योंकि उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित हो रही होती है।
कब चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए
- लगातार उल्टी और दस्त (बुखार के साथ)
- दस्त में खून
- मुँह सूखना या निर्जलीकरण
- त्वचा पर चकत्ते
- लक्षण तीन दिनों से ज़्यादा समय तक बने रहना
- खाद्य विषाक्तता को रोकना
खाद्य विषाक्तता के जोखिम को कम करने के लिए, इन आवश्यक सुझावों का पालन करें:
सफ़ाई बनाए रखें: अपने खाने और खाना बनाने के क्षेत्रों को साफ रखें, जिसमें बर्तन और सतहें शामिल हैं।
भोजन को उचित तरीके से स्टोर करें: मसाले और अनाज विशेष रूप से फंगल संदूषण के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं, इसलिए उन्हें एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करें।
एक्सपायरी डेट की जाँच करें: पैकेज्ड खाद्य पदार्थों का सेवन करने से पहले हमेशा एक्सपायरी डेट की जाँच करें।