वर्तमान समय में बदलते मौसम की वजह से लोगों को सर्दी और खांसी की तथा जुखाम की परेशानी का सामना करना पड़ता है इन समस्याओं को लोग आमतौर पर फ्लू या बुखार का संक्रमण समझने लगते हैं और इसी के अनुसार दवा भी लेने लगते हैं लेकिन कई मामलों में डॉक्टर से सलाह लिए बिना लोग एंटीबायोटिक ले लेते हैं लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि सर्दी जुखाम जैसी समस्याओं को ब्लू या वायरल समझ कर कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए यदि किसी को बुखार की समस्या है और साथ में खांसी जुखाम हो रहे हैं तो यह इस बीमारी के लक्षण भी हो सकते हैं।


हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि इस तरह के लक्षण डेंगू अमोनिया तथा आरएसवी संक्रमण ऐसी बीमारियां है दिन की शुरुआत हल्के बुखार और खांसी जुखाम के साथ होती है इन बीमारियों के शुरुआती लक्षण फ्लू जैसे ही होते हैं इसीलिए लोग इन समस्याओं को सामान्य फ्लू समझ कर नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन ऐसा करना उन को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में जरूरी है कि लोगों को इन बीमारियों के लक्षणों में अंतर पता होना चाहिए। हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि बुखार की समस्या होने पर 2 या 3 दिन में बुखार उतर जाता है लेकिन डेंगू में बुखार लंबे समय तक रह सकता है और इसी के साथ आप को उल्टी दस्त और बदन दर्द जैसी समस्या भी हो सकती है डेंगू के कई मामलों में देखा जाता है कि लोगों के शरीर पर दाने भी निकल आते हैं।। और अचानक से उनके शरीर में कमजोरी आने लगती है।


* निमोनिया में दिखाई देते हैं यह लक्षण :

हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि निमोनिया का संक्रमण में बच्चों में ज्यादा देखा जाता है। निमोनिया जैसी समस्या में पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होने के साथ-साथ बुखार आने लगता है तथा ठंड लगने लगती है और कई मामलों में देखा जाता है कि बच्चों को काफी ज्यादा थकान होने लगती है। निमोनिया के होने पर शुरुआत में खांसी जुखाम की तरह ही लगने लगता है जिसकी वजह से लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन इस बीमारी का समय रहते इलाज ना किया जाए तो स्थिति ज्यादा गंभीर भी हो सकती है और कई मामलों में तो यह बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है इसलिए जरूरी है कि यदि आपको इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो आप निमोनिया को लेकर सावधान रहें और ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।


* आरएसवी बीमारी की लक्षण :

आरएसवी बीमारी में भी फ्लू जैसे ही लक्षण दिखाई देते हैं इस बीमारी में भी पीड़ित व्यक्ति में नाक बहने के साथ-साथ बुखार और सांस लेने की समस्याएं होने लगती है। यह बीमारी बच्चों में ज्यादा देखी जाती है और यह शरीर के रेस्पिरेटरी ट्रेक पर प्रभाव डालती है। इस बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह ले लापरवाही ना करें।

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