Health Care Tips: अपने रूटीन में शामिल करे ये योगासन, वृद्धावस्था में भी खुद को खुद को फिट रखने में मिलेगी मदद !
इंटरनेट डेस्क. आपने भी देखा होगा कि एक उम्र के बाद शरीर में कहीं समस्याएं होने लगती है। शरीर में कुछ गंभीर लक्षण दिखाई देने लगते हैं जैसे - आर्थराइटिज, डयबिटीज, कम दिखना, कम सुनाई देना, रीढ़ की हड्डी में दर्द, आदि। लेकिन जो लोग अपने जीवन शैली को पहले से ही सही रखते हैं तो उन लोगों को उम्र होने के बाद परेशानियों का सामना कम करना पड़ता है। बढ़ती उम्र में खुद को स्वस्थ रखने के लिए आप अपने रूटीन में योगासन को शामिल कर सकते हैं आइए इस लेख के माध्यम से आपको बताते हैं कुछ ऐसे योगासन के बारे में जिनको आप अपने रूटीन में फॉलो करके बढ़ती उम्र में भी खुद को स्वस्थ रख सकते हैं। आइए जानते है -
* कटिचक्रासन को करें रूटीन में शामिल :
वृद्धावस्था में भी आप खुद को फिट रखने के लिए अपने रूटीन में कटिचक्रासन को शामिल कर सकते हैं। इस आसन में करने के लिए आपको ताड़ासन की तरह ही पॉज करना होगा। इस आसन को करने के लिए आपको अपनी भुजाओं को कंधे के स्तर तक ले कर जाना होगा और हथेलियां नीचे की ओर होनी चाहिए इस दौरान अपने शरीर को पूरा आराम दे एक गहरी सांस लें और जैसे ही आप सांस छोड़ते हैं अपने शरीर को दाहिनी भुजा से कमर और बाएं हाथ को दाहिने कंधे पर टिकाए। यह स्थिति आपकी रीड और पेट के हिस्से को एक पूर्ण मोड स्थापित करती है। जितनी देर हो सके उतनी देर इस पोजीशन में अपने आप को रखें और सांस लेते हुए वापस सामान्य मुद्रा में आ जाए।
* वज्रासन को करें रूटीन में शामिल :
बढ़ती उम्र में खुद को स्वस्थ और फिट रखने के लिए आप अपने डेली रूटीन में वज्रासन को भी शामिल कर सकते हैं। स्वस्थ रहने के लिए आपको दिन में 1 बार इस आसन का अभ्यास जरूर करना चाहिए। वज्रासन के साथ-साथ अन्य सभी आसन आपको वृद्धावस्था में होने वाली समस्याओं से बचाने में मदद करता है।
* ताड़ासन :
वृद्धावस्था में होने वाली समस्याओं से राहत आने के लिए अपने डेली रूटीन में ताड़ासन को भी शामिल कर सकते हैं इस आसन को करने के लिए आपको अपने पैरों को मजबूती के साथ एक साथिया 1 फुट अलग रास्ते में खड़े हो जाए और शरीर के सामने उंगलियों को ब्लॉक करें इसके बाद सांस भरते हुए हाथों को सिर के ऊपर उठाएं और संतुलन बनाए रखते हुए पैर की उंगलियों पर आ जाए। संतुलन बनाए रखने के लिए आप अपनी आंखों को किसी बिंदु पर केंद्रित करके रखे जैसे ही आप साथ छोड़ते हैं अपनी सामान्य स्थिति में आ जाए इस आसन का अभ्यास 1 दिन में तीन बार जरूर करें।