हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, सूर्यदेव की कृपा से इंसान को धन और अपार सफलता मिलती है। इतना ही नहीं सूर्यदेव को प्रसन्न कर कुंडली के दोष भी मिटा सकते हैं। पौराणिक कथाओं में भगवान श्रीराम और महारथी कर्ण द्वारा सूर्य पूजा करने का उल्लेख मिलता है। इस लिए लोग प्रतिदिन भगवान सूर्य को जल अर्पित करते हैं।

इस स्टोरी में आपको बताने जा रहे हैं कि सूर्यदेव को जल अर्पित करते समय हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

- सूर्यदेव को हमेशा तांबे के लोटे में ही जल अर्पित करें। जल चढ़ाते समय दोनों हाथों से लोटे को पकड़कर रखना चाहिए।

- हमेशा यह ध्यान रखें कि पूरब दिशा की ओर मुख करके ही भगवान सूर्य को जल अर्पित करें। जल के साथ ही कुमकुम, लाल फूल और चावल भी जरूर डालना चाहिए।

- पुण्य लाभ प्राप्त करने के लिए सूर्यदेव को ब्रह्म मुहूर्त में जल अर्पित करें। सुबह 8 बजे तक सूर्यदेव को जल अर्पित कर देना चाहिए।

- सूर्यदेव का जल अर्पित करते समय ऊं आदित्याय नम: तथा ऊं भास्कराय नम: का जाप करना चाहिए।

- जल अर्पित करते समय यह खास ध्यान रखें कि जल आपके पैरों को ना छुए।

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