टमाटर का बुखार केरल के कोल्लम शहर में पहले ही आ चुका है। इस बुखार के अब तक कम से कम 82 मामले सामने आ चुके हैं। सभी मामले पांच साल से कम उम्र के बच्चों के हैं। अब राज्य का स्वास्थ्य विभाग इस स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है. अभी भी टमाटर बुखार के मुख्य कारणों की जांच कर रहे हैं।

टमाटर बुखार क्या है - टमाटर बुखार, जिसे टमाटर फ्लू भी कहा जाता है, एक दुर्लभ प्रकार का वायरल संक्रमण है जो 5 साल से कम उम्र के बच्चों को संक्रमित करता है। बीमारी को टोमैटो फीवर इसलिए कहा जाता है क्योंकि पीड़ितों को टमाटर के आकार के रैशेज हो रहे हैं।

टमाटर बुखार के लक्षण- बता दे की, शरीर के ऊपर टमाटर के आकार के चकत्ते इस रोग के प्रमुख लक्षण हैं। वहीं पीड़ितों ने मुंह सूखने और खुजली की भी शिकायत की है। कुछ मरीजों ने टमाटर के फोड़े के आकार में कीड़े पड़ने की भी शिकायत की है और ये कीड़े उन जगहों पर फैल भी रहे हैं। जिसके अलावा तेज बुखार, बदन दर्द, जोड़ों में दर्द और मुंह में छाले भी इसके लक्षण के रूप में देखे जाते हैं। जिसके साथ ही कुछ मरीजों ने हाथों, घुटनों और अन्य जगहों की त्वचा का रंग फीका पड़ने की भी शिकायत की है।

टमाटर बुखार का इलाज - यदि किसी बच्चे में इनमें से कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। अगर आप इस बीमारी से संक्रमित हैं तो जितना हो सके तरल पदार्थ का सेवन करें। रोगी के अंदर और आसपास साफ-सफाई बनाए रखें और रोगी को फफोले या रैशेज को खरोंचने से रोकें। गर्म पानी से नहाएं और स्वस्थ बच्चों को संक्रमण से दूर रखें।

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