श्रावण मास की कृष्‍ण पंचमी में बिहार, उड़ीसा, राजस्‍थान में कृष्‍ण पक्ष को इस त्‍योहार को मनाया जाता है जबकि देश के अधिकतर हिस्‍सों में कृष्‍ण पंचमी को ही नागपंचमी का त्‍योहार मनाया जाता है। इस साल नाग पचंमी का त्‍योहार 25 जुलाई को मनाया जाएगा।

भविष्‍य पुराण के पंचमी कल्‍प में नागपूजा और नागों को दूध पिलाने का जिक्र किया गया है। माना जाता है कि सावन के महीने में नाग देवता की पूजा करने और नाग पंचमी के दिन उन्‍हें दूध पिलाने से नाग दंश का भय दूर हो जाता है।

लेकिन विज्ञान के अनुसार सांप स्‍तनधारी नहीं बल्कि रेप्‍टाइल जीव हैं और ये जीव दूध को हजम नहीं कर सकते हैं। ऐसे में कई बार उनकी मृत्‍यु होने का खतरा भी रहता है। दूध पिलाने से सांव की आंत में इंफेक्‍शन हो सकता है। सावन के महीने में नाग पंचमी के दिन रुद्राभिषेक करने का भी बहुत महत्‍व है। भगवान शिच के आशीर्वाद स्‍वरूप नाग पृथ्‍वी को संतुलित करते हुए मानव जीवन की रक्षा करें, इस मान्‍यता के साथ भी यह पर्व मनाया जाता है।

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