ज्योतिष शास्त्र में सफल जीवन के लिए कई उपाय बताए गए हैं। सुखद और सफल यात्रा की कामना सभी करते हैं और यह यात्रा नौकरी के लिए हो सकती है या किसी मांगलिक कार्य से सम्बन्धित हो सकती है। लेकिन छोटी सी भूल भी सारी मेहनत पर पानी फेर सकती है। आइए ज्योतिष टिप्स के भाग में जानते हैं कि व्यक्ति को यात्रा शुरू करने से पहले दिशाशूल का क्यों ध्यान रखना चाहिए। साथ ही जानिए दिशाशूल होता है क्या है?


दिशा शूल की दिशा में यात्रा करने से बचें
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि जिस दिन पंचांग में जिस दिशा शूल को बताया गया है, उस दिशा में यात्रा नहीं करना चाहिए या उससे बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि माना जाता है कि दिशा शूल की ओर यात्रा करने से कार्य सफल नहीं होते हैं या दुर्घटना के योग बनते हैं।

किस दिन ना करें इन दिशाओं में यात्रा
उत्तर दिशा- ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि व्यक्ति को मंगलवार या बुधवार के दिन उत्तर दिशा में यात्रा नहीं करना चाहिए। अगर कोई महत्वपूर्ण कार्य है तो आप मंगलवार के दिन गुड़ का सेवन कर और बुधवार के दिन तिल व धनिया खाकर घर से निकलें। साथ ही दिशा शूल को ओर यात्रा करने से पहले पांच कदम पीछे ले लें।


दक्षिण दिशा- दक्षिण दिशा के लिए दिशा शूल गुरुवार के दिन होता है, इसलिए इस दिशा में यात्रा करना मना है। जरूरी काम से निकलना पड़े तो घर से दही या जीरा का सेवन करके निकलें और पांच कदम पीछे ले लें।

पूर्व दिशा- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति को सोमवार और शनिवार के दिन पूर्व दिशा में यात्रा नहीं करना चाहिए। अगर निकलना पड़े तो सोमवार के दिन शीशा देखकर और शनिवार के दिन अदरक या तिल का सेवन करके घर से निकलें। साथ पांच कदम उलटे पैर चलें।

पश्चिम दिशा- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पश्चिम दिशा में रविवार और शुक्रवार के दिन यात्रा करने से बचना चाहिए। ऐसा सम्भव न हो तो घर से निकलने से पहले रविवार के दिन दलिया या पान का सेवन कर आयर शुक्रवार के दिन जौ या राईं का सेवन कर घर से निकलें। पांच कदम पीछे चलना ना भूलें।

इन दिशाओं के दिशा शूल जान लें
व्यक्ति को सोमवार और गुरुवार के दिन दक्षिण पूर्व दिशा में यात्रा करने से बचना। साथ ही रविवार और शुक्रवार के दिन उन्हें क्षिण-पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र में यह भी बताया गया है कि मंगलवार के दिन उत्तर पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करना चाहिए।

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