इंटरनेट डेस्क। हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र महीनों में से एक सावन का महीना शुरू हो चुका है जो कि भगवान शिव को समर्पित है। इस महीने में शिवभक्त अपने आराध्य देव को प्रसन्न करने के लिए उपवास रखते है और शिव जी उनकी पसंदीदा वस्तुएं चढ़ाते है। ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त इस महीने में अपनी पूजा से शिव जी को प्रसन्न कर लेता है, उसके ऊपर शिवजी की कृपा हमेशा बनी रहती है।

बेलपत्र शिवजी की पसंदीदा चीज़ों में से एक है और सावन के महीने में शिवपूजा में बेलपत्रों का ख़ास महत्व है। बेलपत्र चढ़ाये बिना शिवजी की पूजा अधूरी मानी जाती है। लेकिन आपको इस पूजा में बेलपत्र चढ़ाते समय कुछ बातों का ख़ास ध्यान रखना चाहिए।

आप शिव जी की पूजा में जिन बेलपत्रों का उपयोग कर रहे है, वह तीन पत्तियों वाला होना चाहिए। इस तरह के बेलपत्र को शिव पूजा के लिए सबसे अच्छा मना जाता है। इसके अलावा शिवलिंग पर चढ़ाये जाने वाले बेलपत्र किसी भी तरह से ख़राब नहीं होने चाहिए।

शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि ये बेलपत्र कभी भी सोमवार, अमावस्या, पूर्णिमा, अष्टमी और चतुर्दशी के दिन नहीं तोड़े जाने चाहिए।

शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से पहले इन्हें हमेशा साफ़ पानी से धो लेना चाहिए। बेलपत्रों को पेड़ से तोड़कर सीधे शिवलिंग पर कभी नहीं चढ़ाना चाहिए।

शास्त्रों के अनुसार, उत्तर-पश्चिम दिशा में लगे हुए पेड़ से बेलपत्रों को तोड़कर शिवलिंग पर चढ़ाना सबसे शुभ माना जाता है। अगर आप इस दिशा में लगे पेड़ से बेलपत्र तोड़कर शिवलिंग पर चढ़ाने से आपके घर में सुख-समृद्धि आती है।

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