आजकल मोटापा कोई बीमारी नहीं बल्कि बीमारियों का मुख्यालय है। मोटापा शरीर में मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, खराब कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं का कारण बनता है। अब तक आप समझ ही गए होंगे कि मोटापे का संबंध भूख से है। मनुष्य जितना अधिक भूखा होता है, उतना ही अधिक खाता है। इसलिए वे बाद में मोटे हो जाते हैं।

हालांकि, डेली जागरण में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, जापानी वैज्ञानिकों ने एक ऐसे प्रोटीन की खोज की है जो मस्तिष्क के भूख और चयापचय के नियमित संकेतों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

जापान के OIST के ओकिनावा इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में विज्ञान के प्रोफेसर तदाशी यामामोटो के अनुसार, मोटापे का एक प्रमुख कारण खाने का विकार और ऊर्जा असंतुलन है। यह शोध साइंस जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

मोटापा वर्तमान में सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए चिंता का एक प्रमुख कारण है। दुनिया भर में 65 करोड़ से ज्यादा बुजुर्ग मोटे हैं। अत्यधिक वजन बढ़ने से कई महामारियां हो सकती हैं। जैसे टाइप-2 डायबिटीज आदि।

अनुसंधान से पता चला है कि यदि चूहे के मस्तिष्क के अग्र भाग में न्यूरॉन्स की कमी होती है, तो मस्तिष्क के इस हिस्से में XRN1 नामक प्रोटीन की कमी होती है। यह शरीर के तापमान, नींद, भूख और प्यास को नियंत्रित कर सकता है। जिन चूहों में इस प्रोटीन की मात्रा कम पाई गई, उन्होंने सामान्य चूहों की तुलना में अधिक भोजन किया।

Related News