सुहागरात को फिल्मों और कथा-कहानियों में बहुत बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जाता है। शादी की पहली रात में शारीरिक संबंधों को लेकर जो भी बातें कही गई हैं, वो वास्‍तविकता से कोसों दूर हैं। ऐसी गलत जानकारी दोस्तों और समाज के दबाव और खुद की प्रेमी जोड़े की धारणाओं की वजह से होता है, जो उन्होंने इंटरनेट या फिल्‍मों से बनाई होती हैं। शादी की पहली रात में संबंधों के मानसिक और शारीरिक पहलू होते हैं।

सबसे पहले आराम कीजिए

भारतीय शादियां भागदौड़ और तनाव भरी होती हैं। जब सभी काम निपट जाएं तो विवाहित जोड़े को कुछ समय तक साथ में आराम करना चाहिए। याद रहे, थके दिमाग और शरीर से आप किसी भी चीज का मजा नहीं ले सकते हैं।
एक दूसरे को जानने की कोशिश करें, सुहागरात से पहले एक दूसरे को बेहतर तरीके से जान लें। अगर पहले मौका नहीं मिला तो सुहागरात को भी इसकी शुरूआत करना गलत नहीं होगा।

संभोग से जुड़ी जानकारी

आपको शारीरिक संबंधों में कितनी जानकारी है, अपने पार्टनर की सेक्स संबंधी पसंद और नापसंद के बारे में क्या जानते हैं। आपको पहली बार जब ऐसा मौका मिला है तो अपनी मर्जी उन पर मत थोपिए। ऐसा करना शारीरिक और मानसिक रूप से सही नहीं होगा।

ज्‍यादा सोचिए मत

शादी की पहली रात इतना गंभीर होने की जरूरत नहीं है। हमने तो केवल आपको जिम्‍मेदारी से बर्ताव करने को कहा है। इसमें बहुत ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है। जितना ज्यादा सोचेंगे, मजा उतना ही कम होगा और घबराहट बढ़ेगी।

यह आखिरी मौका नहीं है!

संभव है यह आपको पहला अनुभव है, लेकिन ये आपका आखिरी अनुभव भी नहीं है। यह तो रिश्ते की शुरूआत है। इसलिए पहली रात को आप शारीरिक संबंध बनाने में कितने सफल रहे, इस बारे में मत आंकिए। नाजुक रिश्‍ता है, खिलते, खिलते खिलेगा।

मदद लेने में हर्ज नहीं

शादी की पहली रात शारीरिक संबंधों को लेकर यदि आपके अनुभव उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहे तो किसी विशेषज्ञ की मदद लेने से बिल्कुल मत हिचकिए। जरूरत के मुताबिक डॉक्‍टर या मनोचिकित्‍सक की सलाह लें।

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