भारत ऐसा देश हैं जहां प्रत्येक राज्य विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से अपने लोगो के विकास के प्रयास करता है, अक्सर बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाता है। वंचित बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने की आकांक्षा को पहचानते हुए, हरियाणा सरकार ने एक अभूतपूर्व योजना शुरू की है जिसे चिराग योजना के नाम से जाना जाता है। इस पहल का उद्देश्य आर्थिक रूप से वंचित बच्चों को प्रतिष्ठित निजी स्कूलों में शिक्षा प्राप्त करने का मौका देना है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि उन्हें बेहतर शैक्षिक अवसर उपलब्ध हों, आइए जानते हैं इस योजना के बारे में-

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समावेशी नामांकन मानदंड: चिराग योजना 1 लाख 80 हजार रुपये या उससे कम वार्षिक आय वाले परिवारों के लिए है। ऐसे परिवार इस योजना के तहत अपने बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला दिलाने के पात्र हैं, जिसमें सरकार प्रवेश के बाद की फीस और संबंधित खर्चों को वहन करती है।

निष्पक्ष प्रवेश प्रक्रिया: चिराग योजना के तहत प्रवेश एक पारदर्शी लकी ड्रा प्रणाली के माध्यम से आयोजित किया जाता है, जो सभी आवेदकों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करता है। शैक्षणिक पहुंच का दायरा बढ़ाते हुए परिवार कक्षा 4 से 12वीं तक के छात्रों के लिए प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं।

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आवेदन की अंतिम तिथि और आवश्यकताएँ: इच्छुक आवेदकों को योजना के लिए विचार किए जाने के लिए 10 अप्रैल तक अपने आवेदन जमा करने होंगे। आवेदन के लिए एक महत्वपूर्ण शर्त एक वैध परिवार पहचान पत्र है, जो दर्ज आय के आधार पर पात्रता का आकलन करने के लिए प्राथमिक दस्तावेज के रूप में कार्य करता है।

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आवेदन प्रक्रिया: चिराग योजना के लिए आवेदन करने के लिए, परिवारों को सरकारी वेबसाइट से आधिकारिक फॉर्म डाउनलोड करना होगा। एक बार पूरा होने पर, सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ फॉर्म को नामांकन के लिए बताए गए पसंदीदा स्कूल में जमा करना होगा।

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