आचार्य एक राजनीतिज्ञ के अलावा एक समाजशास्त्री भी माने जाते हैं। उन्होंने एक ऐसे ग्रंथ की रचना की , जिसमें जीवन को सुखी बनाने के लिए कई अहम बातों का जिक्र किया गया।इस ग्रंथ को आज चाणक्य नीति के नाम से जाना जाता है।इसके जरिए जीवन में आए उतार-चढ़ाव को आसानी से पार किया जा सकता है। वे आजीवन लोगों की मदद भी करते रहे।इतना ही नहीं उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी में लोगों को धर्म का मार्ग भी दिखाया। इन नीतियों के आधार पर आचार्य चाणक्य ने चंद्रगुप्त को सम्राट बनाया था।आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में जानवरों और पक्षियों के गुणों के बारे में भी जिक्र किया है और बताया है की इन गुणों से भी व्यक्ति सीख ले सकता और अपने जीवन को सफल बन सकता है।आइये जाने नीति शास्त्र में शेर, बाज, सांप और गधे के किन गुणों के बारे में जिक्र किया है।

बाज – व्यक्ति बाज से लक्ष्य से न चूकने की सीख ले सकता है।बाज कभी अपने लक्ष्य से नहीं चूकता है।इसलिए जीवन में कोई भी फैसला जल्दबाजी में न करें।हर परिस्थिति में सोच-समझकर फैसला लें।


सांप – सांप के पैर नहीं होते हैंवो हमेशा रेंगकर चलता है।लेकिन कभी भी कमजोर नहीं दिखाई देता है।क्योकि अपनी कमजोरी को उसने ताकत बना लिया है और उसकी तेजी और जहर के कारण लोग उससे डरते हैं। ऐसे में इससे ये सिख मिलती है की आप भी सांप से अपनी कमजोरी को ताकत बनाने का गुण सीखे।


गधा – गधे की तरह बिना लक्ष्य के मेहनत न करें।हमेशा अपने लक्ष्य को निर्धारित करें।इससे आपकी प्रतिभा में निखार आएगा।वरना आप जिंदगीभर गुलामी ही करते रह जाते हैं।
शेर – शेर बहुत ही एकाग्र भाव से अपना शिकार करता है और वो कभी आलस नहीं करता है।आचार्य चाणक्य के अनुसार शेर से व्यक्ति एकाग्रता की सीख ले सकता है। इसलिए कभी भी किसी चीज को छोटा या बड़ा न समझें।इस गुण से हम जीवन में कामयाबी हासिल कर सकते हैं।

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