आचार्य चाणक्य की नीतियां इतनी प्रभावी हैं कि ये आज भी एकदम सटिक साबित होती हैं।उन्होंने अपनी नीतियों के आधार पर ही साधारण से बालक चंद्रगुप्त को पूरे भारत का सम्राट बनाया था।इस दौरान उन्होंने एक ऐसे ग्रंथ की, जिसमें जीवन को सुखी बनाने के लिए कई अहम बातों का जिक्र किया गया।इस ग्रंथ को आज चाणक्य नीति के नाम से जाना जाता है,इसके जरिए जीवन में आए उतार-चढ़ाव को आसानी से पार किया जा सकता है।

आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में बच्चों, बड़ों और बुजुर्गों से संबंधित कई बातों का जिक्र किया है।आचार्य चाणक्य के अनुसार बच्चों के सामने कोनसी बात करते समय भी सावधानी बरतनी चाहिए।आइए जानें कौन सी हैं वो बातें जिन्हें बच्चों के सामने भूलकर भी नहीं करना चाहिए।


कमियां न निकालें - आचार्य चाणक्य के अनुसार माता-पिता को कभी भी बच्चों के सामने एक दूसरे की कमियां नहीं निकालनी चाहिए।अगर आप ऐसा करते हैं तो बच्चों की नजरों में आपका सम्मान भी कम हो जाता है।

झूठ - आचार्य चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को बच्चों के सामने कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए।इससे आप बच्चों की नजरों में अपना सम्मान खो बैठेंगेइसलिए हमेशा बच्चों के सामने झूठ बोलने से परहेज करें।
भाषा -भाषा को लेकर बच्चों के सामने हमेशा सावधानी बरतें क्योंकि आपके बच्चें सबसे पहले आप से ही सीखते हैं।आचार्य चाणक्य के अनुसार कभी भी बच्चों के सामने अपशब्द न बोलें।बच्चों के सामने अच्छी बोली और भाषा का इस्तेमाल करें।


सम्मान और आदर - आचार्य चाणक्य के अनुसार माता-पिता को कभी भी बच्चों के सामने हमेशा एक-दूसरे का आदर सम्मान करना चाहिए और कभी भी एक दूसरे के लिए अपमानजनक बातें नहीं करनी चाहिए।इससे बच्चों की नजर में आपका सम्मान बढ़ता है।

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