आचार्य चाणक्य ने अपने नीति ग्रंथ में व्यक्ति को जीवन में सफलता, सुख एवं शांति पाने के लिए काम आने वाली ऐसी कई अहम बातों का जिक्र किया है, जो हमें जीवन को बेहतर तरीके से जीने की सीख देती हैं।चाणक्य के अनुसार हम जिस जगह रुकते हैं या ठहरते हैं, वह हमारे भविष्य को निर्धारित करने में अहम रोल निभाती है जानें चाणक्य नीति के अनुसार हमें किन जगहों पर नहीं रुकना चाहिए।


1.चाणक्य कहते हैं मान-सम्मान न मिलना आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाना है,उनके मुताबिक हमे ऐसी जगह पर कभी नहीं रुकना चाहिए, जहां मान-सम्मान के मिलने में कमी हो क्योकि ऐसी जगहों पर रुकना मूर्खता से कम नहीं होता, जहां सम्मान के लिए जद्दोजहद करनी पड़े।

2.चाणक्य के अनुसार कभी भी ऐसी जगह पर ठहरने की भूल नहीं करनी चाहिए जहां रोजगार की कमी हो क्योकि जीवन में सुख एवं सुविधाओं के लिए रुपयों की भूमिका अहम रहती है और पैसा कमाने के लिए रोजगार का होना जरूरी है।इसलिए ऐसी जगह पर न रहने में भलाई है और इस कारण भविष्य भी खतरे में पड़ जाता है।

3.चाणक्य कहते हैं कि एक व्यक्ति को उस स्थान पर अपना बसेरा स्थापित नहीं करना चाहिए या ऐसी जगह पर नहीं ठहरना चाहिए, जहां शिक्षा के संसाधनों की कमी हो,ऐसी गलती बच्चों के भविष्य पर भी बुरा असर डालती है। चाणक्य नीति में शिक्षा का खास महत्व बताया गया है।

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