आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में कई तरह की ज्ञानवर्धक बातों के बारे में बताया है। ठीक उसी तरहर कोई मनुष्य कितना सभ्य और अच्छा है, इसकी पहचान करने के लिए भी चाणक्य ने 4 तरीके बताएं हैं। इसके आधार पर किसी भी मनुष्य के व्यक्तित्व का पता लगाया जा सकता है। आइये जानते हैं इस बारे में।

पुरुष के गुणों और गोल्ड की तुलना

आचार्य चाणक्य ने कहा है कि ठीक जिस तरह सोने के खरे होने की तुलना उसे पीटकर, घिसकर, तपा कर और काटकर की जाती है। ठीक उसी तरह मनुष्य में भी 4 प्रमुख गुण होते हैं जिसके अनुसार उसके आचरण और व्यवहार का पता लगाया जा सकता है।


पहला गुण है दान

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी मनुष्य के बारे में पता लगाने के लिए जरूरी है कि पहले ये पता लगाना जरुरी है कि वह दान के बारे में अपनी क्या राय रखते हैं और दान करते है या नहीं। किसी को पैसा देना ही दान नहीं है। यदि आप किसी की सहायता करने के लिए उसे समय देते हैं तो वो भी दान है।

शील

किसी मनुष्य का शील होना बहुत जरूरी है। आचार्य के अनुसार, शीलता एक अच्छे पुरुष के व्यक्तित्व का अभिन्न अंग है।

गुण

गुणी होने की परिभाषा बहुत विस्तृत है। मनुष्य की उसकी चाल-ढाल और तौर-तरीकों से मनुष्य के बारे में पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा शांत स्वभाव का होना भी मनुष्य के गुणी होने की परिभाषा है।

आचार

आचरण की शुद्धता और व्यवहार की समझ अच्छे पुरुषों का आभूषण होते हैं।

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